मुंबई, 05 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली में NIA की दो दिन की आतंकवाद विरोधी कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मोदी सरकार के सख्त फैसलों के कारण जम्मू-कश्मीर, नक्सल प्रभावित इलाकों और पूर्वोत्तर में हिंसा कम करने में बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी आतंकवाद विरोधी एजेंसियों को ऐसी सख्ती अपनानी चाहिए कि नए आतंकवादी समूह न बनें। हमें न केवल आतंकवाद बल्कि आतंकवादियों के पूरे ईको सिस्टम को नष्ट करना होगा। NIA, ATS और STF जांच तक ही सीमित न रहें, बल्कि उन्हें लीक से हटकर सोचना चाहिए। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए नए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि, भाजपा सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति के कारण ही पिछले नौ सालों में जम्मू-कश्मीर में शांति आ सकी है। वहां पिछले 10 सालों की तुलना में आतंकवाद की घटनाओं में 70 फीसदी की गिरावट आई है। इन नौ सालों के दौरान नागरिकों की मौत में 81फीसदी और सुरक्षा कर्मियों की मौत में 48 फीसदी की गिरावट आई है।
शाह ने आगे कहा, आतंक के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के देशों से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों को शामिल करने की जरूरत है। इसके लिए हमें पूरी सरकार और टीम इंडिया की भावना के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार क्रिप्टो, हवाला, नार्को टेरर-फंडिंग से पैदा हुई चुनौतियों पर सख्त रुख अपना रही है। मोदी सरकार के कड़े फैसलों की वजह से जम्मू-कश्मीर, नक्सल प्रभावित इलाकों और पूर्वोत्तर में हिंसा में कमी लाने में बड़ी सफलता मिली है। इसके बहुत अच्छे नतीजे मिले हैं, लेकिन इस पर अभी और काम किया जाना बाकी है। केंद्र सरकार देश से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में लगी है। आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के पीछे प्रधानमंत्री मोदी का विजन है।