मुंबई, 22 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के लिए शैक्षिक प्रवेश में पांच प्रतिशत कोटे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के साथ चर्चा करेंगे। राज्य मुख्यालय मंत्रालय में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एक बैठक में बोलते हुए, पवार ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लिए पांच प्रतिशत शैक्षणिक कोटा (मराठा आरक्षण के विपरीत) किसी भी कानूनी बाधा का सामना नहीं करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि फैसला लेने से पहले मैं शिंदे और फड़णवीस के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा। वित्त विभाग भी संभालने वाले पवार ने आश्वासन दिया कि अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान जैसे संस्थानों के माध्यम से कार्यान्वित योजनाओं में एकरूपता लाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिशें की जाएंगी। साथ ही, महात्मा ज्योतिबा फुले अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति) मौलाना आजाद आर्थिक विकास निगम पर भी लागू होगा।
पवार ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए स्थापित आजाद निगम को भी अधिक धन मिलेगा और उसे यह जांचना चाहिए कि क्या उसकी ऋण योजनाओं को केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित पीएम विश्वकर्मा योजना से जोड़ा जा सकता है। दरअसल, तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने 2014 में शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में मुसलमानों को पांच प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया था, जब मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में कोटा पेश किया गया था। लेकिन बाद की भाजपा-शिवसेना सरकार ने मराठों को आरक्षण प्रदान करने के लिए एक कानून लाकर मुस्लिम कोटा हटा दिया।