मुंबई, 19 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए उम्र तय करे। कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना अच्छी बात है, लेकिन आजकल स्कूल जाने वाले बच्चे इसके आदी हो गए हैं। ऐसे में सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की उम्र तय होना वरदान साबित होगी। कोर्ट ने आगे कहा कि 17 या 18 साल की उम्र के युवा सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या उनमें देश के हित अहित पर फैसला लेने की मैच्योरिटी है? न केवल सोशल मीडिया से बल्कि इंटरनेट से ऐसी चीजें हटाई जानी चाहिए, जो दिमाग को भ्रष्ट करती हैं। सरकार को इस बारे में विचार करना चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और जस्टिस विजय कुमार ए पाटिल की बेंच ने ये बातें एक्स (जो पहले ट्विटर था) की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कही। जस्टिस जी नरेंद्र ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि सरकार को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए उम्र सीमा तय करने पर विचार करना चाहिए। जब कोई यूजर रजिस्ट्रेशन करेगा तो उसे जरूरी जानकारियां देनी होंगी, जैसे ऑनलाइन गेमिंग के रजिस्ट्रेशन में देनी पड़ती हैं।
दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने 2 फरवरी 2021 और 28 फरवरी के बीच एक्स (जो पहले ट्विटर था) के लिए आदेश जारी किए थे। जिसमें 1474 खातों, 175 ट्वीट्स, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था। एक्स ने इनमें से 39 यूआरएल से जुड़े आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 30 जून को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने एक्स की याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही सरकार के आदेशों का पालन नहीं करने पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। जिसे एक्स ने चुनौती दी थी। कोर्ट ने अपील स्वीकार करते वक्त कंपनी को जुर्माने की 50% राशि जमा करने को कहा था। याचिका में एक्स ने तर्क दिया था कि कंपनी पर जुर्माना लगाना अन्यायपूर्ण है। अगर कोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखा तो इससे केंद्र सरकार को बढ़ावा मिलेगा।