मुंबई, 07 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मालेगांव धमाके के आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी ने स्पेशल NIA कोर्ट से अपनी जमानत रद्द करने की मांग की है। चतुर्वेदी का कहना है कि उसे फिर से हिरासत में ले लिया जाए क्योंकि केस की रोजाना सुनवाई होनी है और उसके पास मुंबई में रहने का ठिकाना नहीं है। गौरतलब है कि इस केस में CrPC 313 के तहत आरोपियों और गवाहों के बयानों की रिकॉर्डिंग अगले कुछ महीनों तक चल सकती है। सुधाकर ने कोर्ट को दी अपील में कहा है कि वह मिर्जापुर का रहने वाला है और रोज मुंबई नहीं आ सकता। इतना ही नहीं उसे इतने लंबे टाइम के लिए मुंबई में घर ढूंढने में दिक्कत हो रही है।
दरअसल, मालेगांव ब्लास्ट मामले में सात आरोपियों के खिलाफ NIA की विशेष अदालत में 3 अक्टूबर से सुनवाई शुरू हो गई है। 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में भिक्खु चौक विस्फोट मामले की सुनवाई मुंबई में NIA विशेष सत्र न्यायालय में चल रही है। सुधाकर के अलावा मुख्य आरोपियों में BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित और समीर कुलकर्णी हैं।
आपको बता दे, मालेगांव ब्लास्ट केस में करीब 323 गवाह थे। उनमें से 34 गवाह पलट गए। बाकी 289 गवाहों के बयानों के आधार पर कोर्ट ने करीब 4-5 हजार सवालों का एक सेट तैयार किया है। CrPC की धारा 313 के मुताबिक आरोपियों को कोर्ट के सामने अपनी बात रखने का मौका मिलता है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। उसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी। महाराष्ट्र के मालेगांव (मुंबई से करीब 200 किमी दूर) में 29 सितंबर 2008 को ब्लास्ट हुआ था। यहां एक मस्जिद के पास एक बाइक में एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाई गई थी। घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा जख्मी हुए थे। मामले की जांच पहले महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) कर रही थी, 2011 में इन्वेस्टिगेशन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ट्रांसफर कर दी गई।