मुंबई, 22 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट मामलों पर तुरंत सुनवाई के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तय की है। SC के सूत्रों के अनुसार, तीस्ता सीतलवाड़ और नूंह हिंसा मामले की अर्जेंट हियरिंग भी नई SOP के तहत की गई थी। 1 जुलाई की रात तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट की काफी आलोचना हुई थी। यह कहा गया कि तीस्ता को बड़ा नाम होने का फायदा मिला। वहीं हरियाणा के नूंह हिंसा मामले अर्जेंट हियरिंग के लिए CJI चंद्रचूड़ ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े आर्टिकल 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कुछ देर के लिए रोक दी थी।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों ने बताया कि नई SOP के तहत अब अति आवश्यक मामलों को सुबह 10.30 बजे तक कोर्ट के अधिकारी के पास भेजा जा सकता है। नियम के अनुसार, लंच ब्रेक या जरूरत पड़ने पर अधिकारी इसे चीफ जस्टिस के सामने रखेंगे। अर्जेंट हियरिंग के मामले में ईमेल भी किया जा सकता है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ खुद मेल पर बारीकी से नजर रखते हैं। 21 अगस्त को गुजरात की रहने वाली 28 हफ्ते की प्रेग्नेंट रेप विक्टिम को सुप्रीम कोर्ट ने अबॉर्शन की इजाजत दे दी। महिला ने पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने बिना कारण बताए 17 अगस्त को उसकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद पीड़ित 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट पहुंची। शनिवार को छुट्टी होने के बावजूद 19 अगस्त को मामले की सुनवाई हुई थी। जस्टिस नागरत्ना ने लेटलतीफी के लिए गुजरात हाईकोर्ट को फटकार भी लगाई थी। नागरत्ना ने कहा था, ऐसे मामलों में जब एक-एक दिन अहम होता है तो सुनवाई की तारीख क्यों टाली गई। दरअसल, हाईकोर्ट ने 11 अगस्त को इस केस की तत्काल सुनवाई ना करते हुए अगली तारीख 12 दिन बाद दी थी।