मुंबई, 22 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। एअर इंडिया ने 15 जुलाई तक अपनी तीन फ्लाइट्स को अस्थायी रूप से सस्पेंड करने का फैसला लिया है। इनमें दो इंटरनेशनल रूट शामिल हैं, एक बेंगलुरू से सिंगापुर और दूसरा पुणे से सिंगापुर के बीच चलता है, जबकि तीसरी फ्लाइट मुंबई से बागडोगरा के लिए है, जो घरेलू सेवा है। एयरलाइन ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह जानकारी साझा की। इसके साथ ही कंपनी ने देश में 19 रूटों पर चल रही घरेलू उड़ानों की संख्या में कटौती करने का भी निर्णय लिया है। इस बीच डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA ने एअर इंडिया को कड़ी चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि यदि उड़ान संचालन में अनियमितताएं जारी रहीं तो एयरलाइन का लाइसेंस सस्पेंड किया जा सकता है या उसे पूरी तरह से रद्द भी किया जा सकता है।
एअर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि खाड़ी क्षेत्र में जारी तनाव के कारण एयरलाइन अब ईरान, इराक और इजराइल के हवाई क्षेत्र से होकर उड़ान नहीं भरेगी। इसका असर UAE, कतर, ओमान और कुवैत जाने वाली उड़ानों पर पड़ सकता है, क्योंकि इन रूटों पर अब अधिक समय लगेगा। यूरोप और उत्तरी अमेरिका की ओर जाने वाली उड़ानों को भी वैकल्पिक रास्तों से जाना होगा। DGCA की सख्ती यहीं नहीं रुकी। शनिवार को एयर सेफ्टी नियमों के गंभीर उल्लंघन के चलते एअर इंडिया के तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से उनके क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से संबंधित पदों से हटाने के आदेश दिए गए। इन अफसरों पर नियमों के विरुद्ध क्रू पेयरिंग करने, अनिवार्य उड़ान अनुभव और लाइसेंसिंग मानकों के उल्लंघन तथा शेड्यूलिंग प्रोटोकॉल न मानने जैसे आरोप लगाए गए हैं।
DGCA ने निर्देश दिया है कि इन अधिकारियों के खिलाफ तुरंत विभागीय जांच शुरू की जाए, उन्हें नॉन-ऑपरेशनल भूमिकाओं में तब तक रखा जाए जब तक सुधारात्मक प्रक्रिया पूरी न हो जाए, और किसी भी स्थिति में उन्हें फ्लाइट सेफ्टी या क्रू संबंधित जिम्मेदारियों में न लगाया जाए। इसके साथ ही DGCA ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में यदि फ्लाइट समय, लाइसेंसिंग या शेड्यूलिंग से संबंधित किसी भी नियम का उल्लंघन पाया गया तो भारी जुर्माना, लाइसेंस निलंबन या ऑपरेटर की अनुमति रद्द करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। DGCA ने एअर इंडिया से वर्ष 2024 में अब तक किए गए सभी निरीक्षण और ऑडिट की रिपोर्ट भी मांगी है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, DGCA ने फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर्स को 22 जून तक यह विस्तृत जानकारी देने को कहा है, जिसमें नियोजित और अनियोजित निरीक्षण, कॉकपिट/एनरूट चेक, स्टेशन सुविधाएं, रैंप और केबिन निरीक्षण आदि शामिल हैं। इसी बीच हाल ही में हुए विमान हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को अंतरिम मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब तक तीन परिवारों को भुगतान किया जा चुका है जबकि अन्य दावों पर कार्यवाही चल रही है। पूरे मामले को देखते हुए DGCA ने भारत के पूरे एविएशन सिस्टम की ‘360 डिग्री’ समीक्षा करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत एक विशेष ‘कॉम्प्रिहेंसिव स्पेशल ऑडिट’ किया जाएगा, जिसमें उड़ान संचालन, विमान रखरखाव, लाइसेंसिंग, सुरक्षा प्रबंधन, प्रशिक्षण संस्थान, MRO, और ATC जैसी सभी व्यवस्थाओं की गहराई से जांच की जाएगी। DGCA प्रमुख फैज अहमद किदवई द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है कि यह कदम एविएशन सिस्टम की कमजोरियों की पहचान कर उन्हें दूर करने और सुरक्षा संरचना को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।