मुंबई, 17 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जयपुर में कांग्रेस नेता संदीप चौधरी के घर हुई डकैती की वारदात में शामिल दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों में घर का नौकर भरत बिष्ट और उसका साथी हरि बहादुर धामी शामिल हैं। दोनों को उत्तराखंड के नेपाल बॉर्डर से पहले पकड़ा गया। इस वारदात की साजिश खुद भरत ने अपनी पत्नी काजल और अन्य साथियों के साथ मिलकर रची थी। फिलहाल काजल और दो अन्य आरोपी फरार हैं। लूट में इस्तेमाल की गई रकम और गहनों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस इनकी तलाश में विभिन्न जगहों पर दबिश दे रही है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने डकैती को अंजाम देने के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए सुनियोजित योजना बनाई थी। वारदात के बाद आरोपी करीब आधा किलोमीटर तक पैदल चले और फिर वहां से कार में सवार होकर फरार हो गए।
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के अनुसार, यह घटना 14 मई को वैशाली नगर स्थित संदीप चौधरी के घर पर घटी। उस समय घर में उनकी मां कृष्णा चौधरी, पत्नी ममता, बेटा राजदीप और बेटी राजश्री मौजूद थे। आरोपियों ने पहले कृष्णा और ममता को नशीला पदार्थ मिलाकर चाय पिलाई और उन्हें बेहोश करने के बाद लूट को अंजाम दिया। यह भी सामने आया कि घर के नौकर भरत और उसकी पत्नी काजल, दोनों प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए काम पर रखे गए थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल डीसीपी आलोक सिंघल के नेतृत्व में विशेष टीमों का गठन किया गया। इन टीमों को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ दी गईं, जैसे संदिग्धों की पहचान, घटनास्थल के आसपास रैकी और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रूट मैप तैयार करना। इसके साथ ही पुलिस की टीमें बिहार, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और नेपाल बॉर्डर तक भेजी गईं।
पुलिस के अनुसार, पूरी वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। भरत ने अपने साथी हरि बहादुर को बुलाकर डकैती की योजना बनाई थी। दिल्ली से किराए पर एक कार ली गई, जिसमें तीन अन्य आरोपी जयपुर पहुंचे। कार को जानबूझकर घर से करीब 400 मीटर दूर खड़ा किया गया ताकि पुलिस को भ्रमित किया जा सके कि आरोपी पैदल भागे हैं और कार की पहचान न हो सके। वारदात के दिन पहले काजल को घर से बाहर भेजा गया, फिर तीनों बदमाश निकल पड़े। उन्होंने बैग में गहने और कैश भरकर सुरक्षित निकलने का प्रयास किया। सीसीटीवी से बचने के लिए सभी पैदल चलकर कार की ओर बढ़े और फिर कुछ दूरी तक कार उनके पीछे-पीछे चली। हाईवे के पास पहुंचते ही तीनों आरोपी कार में सवार होकर फरार हो गए। पुलिस टीम ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उन्हें पैदल चल रहे आरोपियों से कुछ दूरी पर चल रही टैक्सी कार पर संदेह हुआ। कार के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई, जिससे दिल्ली तक सुराग मिला। वहां से मिले संकेतों के आधार पर उत्तराखंड पुलिस की मदद से नेपाल बॉर्डर पार करने से पहले भरत और हरि बहादुर को पकड़ लिया गया। अन्य आरोपियों की तलाश अब भी जारी है।