मुंबई, 12 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। फेसबुक और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने 10 जनवरी को एक पॉडकास्ट में कहा, '2024 का साल दुनिया के लिए उथल-पुथल भरा रहा और कोविड के बाद हुए चुनाव में भारत सहित विश्व में कई देशों की सरकार गिर गई।' रेल और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पर कहा- दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत में 2024 के चुनाव में 64 करोड़ लोग शामिल हुए। देश के लोगों ने PM मोदी के नेतृत्व वाले NDA पर भरोसा किया। जुकरबर्ग का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है। उन्हें तथ्यों और विश्वसनीयता को कायम रखना चाहिए। वैष्णव ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड के समय 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन, 220 करोड़ मुफ्त वैक्सीन दी। दुनिया भर के देशों को सहायता दी। भारत को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने का काम किया। PM मोदी के तीसरे कार्यकाल की निर्णायक जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है।
दरअसल, मार्क जुकरबर्ग जो रोगन के साथ एक पॉडकास्ट में कोविड-19 महामारी के बाद सरकारों में विश्वास की कमी पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 एक बड़ा चुनावी साल था। भारत समेत इन सभी देशों में चुनाव थे। लगभग सभी सत्ताधारी चुनाव हार गए। पूरे साल में किसी न किसी तरह की वैश्विक घटना हुई। चाहे वो मुद्रास्फीति के कारण हो। कोविड से निपटने के लिए आर्थिक नीतियों के कारण या सरकारों द्वारा कोविड से निपटने के तरीके के कारण। ऐसा लगता है कि इसका प्रभाव वैश्विक था। लोगों की नाराजगी और गुस्से ने दुनिया भर में चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। सभी सत्तासीन लोग हार गए। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भी हार गई। मार्क जुकरबर्ग के एक बयान ने दुनियाभर के लाखों यूजर्स के बीच चिंता पैदा कर दी है। जुकरबर्ग ने कहा कि वॉट्सऐप का एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन यूजर्स की प्राइवेसी की रक्षा करता है, लेकिन अगर किसी सरकारी एजेंसी को डिवाइस तक पहुंच मिल जाती है, तो वह उसमें स्टोर चैट्स को पढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि अगर किसी डिवाइस में पेगासस जैसे स्पाईवेयर इंस्टॉल हो, तो एजेंसियां उसके कंटेंट तक पहुंच सकती हैं। हालांकि खतरों को ध्यान में रखते हुए वॉट्सएप ने डिसअपीयरिंग मैसेज फीचर शामिल किया है, जो चैट्स को एक तय समय के बाद ऑटोमेटिकली डिवाइस से डिलीट कर देता है।