नागपुर न्यूज डेस्क: वैश्विक संघर्षों के बीच नागपुर की विस्फोटक उद्योग में भारी वृद्धि देखी गई है। पिछले तीन महीनों में, नागपुर की कंपनियों ने 900 करोड़ रुपये के विस्फोटक बेचे हैं और 3,000 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर प्राप्त किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर की विस्फोटक कंपनियों के खरीदारों में बुल्गारिया, स्पेन, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, वियतनाम, पोलैंड, ब्राजील और सऊदी अरब जैसे देश शामिल हैं। सबसे अधिक मांग वाले उत्पादों में 155 मिमी कैलिबर के हॉवित्जर तोपों के गोले और 40 मिमी कंधे से दागे जाने वाले रॉकेट शामिल हैं।
नागपुर से निर्यात की जाने वाली सूची में बम और ग्रेनेड नई श्रेणी के रूप में उभरे हैं। अप्रैल से जून तक, नागपुर से 770 करोड़ रुपये के बम निर्यात किए गए हैं। यह आंकड़ा अगली तिमाही में और भी बढ़ने की उम्मीद है। नागपुर को अनौपचारिक रूप से भारत की विस्फोटक राजधानी के रूप में जाना जाता है।
भारतीय सैन्य उद्योग में ऑर्डरों की बारिश हो रही है, जिसमें लिस्टेड कंपनियों और मिड-साइज की सब्सिडियरी कंपनियों से लेकर नई रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तक शामिल हैं। दूसरे देशों के खरीदार अंतिम उपयोग प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं, जिससे भारतीय निर्माता सरकारी लाइसेंस प्राप्त कर रहे हैं।
हालांकि, भू-राजनीतिक समीकरणों के कारण कुछ देशों पर निर्यात प्रतिबंध है, लेकिन अंतिम उपयोग प्रमाण पत्र जारी होने से यह स्पष्ट है कि ये हथियार उनके स्वयं के उपयोग के लिए हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आधिकारिक तौर पर, भारतीय सैन्य उद्योग युद्ध से मुनाफाखोरी नहीं कर रहा है। इसका मतलब है कि भारतीय उद्योग अपने उत्पादों का उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं और किसी भी संघर्ष से लाभ नहीं उठा रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर गोला-बारूद और हाई एनर्जी रॉ-मटेरियल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है, और नागपुर की कंपनियां इस बढ़ती मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL) और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) इन भारी निर्यात ऑर्डरों को पूरा कर रहे हैं।
डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले समय में यह मांग और भी बढ़ेगी, क्योंकि दुनियाभर के देश अपनी सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए हथियार खरीद रहे हैं। वैश्विक हालात को देखते हुए, देश अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए निवेश कर रहे हैं।
भारत की रक्षा उद्योग में वृद्धि
भारत की रक्षा उद्योग में वृद्धि के कुछ मुख्य कारण हैं:
- वैश्विक मांग में वृद्धि: दुनियाभर के देश अपनी सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए हथियार खरीद रहे हैं।
- स्वदेशी उत्पादन: भारत अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी उत्पादन पर जोर दे रहा है।
- निर्यात में वृद्धि: भारतीय कंपनियां अपने उत्पादों का निर्यात करने में सफल हो रही हैं।
यह वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था में भी योगदान कर रही है और देश को वैश्विक रक्षा उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना रही है।