नागपुर न्यूज डेस्क: आज पूरे देश में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती मनाई जा रही है। इसी मौके पर महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर से एक अनोखी पहल की शुरुआत की है, जिसका नाम है “घर-घर संविधान।” इस अभियान के तहत नागपुर के करीब 10 लाख घरों में एक महीने के भीतर संविधान की प्रस्तावना पहुंचाई जाएगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि अगले दो वर्षों में यह पहल पूरे महाराष्ट्र में लागू की जाएगी, जिससे हर घर तक संविधान की मूल भावना पहुंचे।
इस उपक्रम की शुरुआत नागपुर के ऐतिहासिक दीक्षाभूमि से की गई, जहां हर साल 14 अप्रैल को बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती पर देशभर से हजारों लोग जुटते हैं। यहीं पर डॉ. अंबेडकर ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। इस बार भी हजारों लोग उनके अस्थि कलश के दर्शन के लिए पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नागपुर दौरे पर इसी दीक्षाभूमि पर पहुंचे थे, जिससे इस स्थल का महत्व और बढ़ गया।
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि जब संविधान की प्रस्तावना हर घर तक पहुंचेगी, तब देश का हर नागरिक इसके महत्व को समझेगा और यही विकसित भारत की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे संविधान में बदलाव की अफवाहें फैलाते हैं, जबकि हकीकत यह है कि जब तक चांद-सूरज रहेंगे, संविधान की मूल आत्मा नहीं बदलेगी। उनका मानना है कि संविधान को समझना और अपनाना ही असली राष्ट्रनिर्माण है।