नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर से कोलकाता जा रही इंडिगो फ्लाइट में बम होने की झूठी अफवाह फैलाने वाले आरोपी की पहचान आईबी के अधिकारी के रूप में हुई है। अनिमेष मंडल नामक व्यक्ति, जो भारतीय खुफिया एजेंसी (आईबी) में डिप्टी सेंट्रल इंटेलिजेंस के पद पर कार्यरत हैं, ने इस अफवाह को फैलाया था। 14 दिसंबर को उन्हें बम की झूठी सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अनिमेष मंडल उसी दिन उस फ्लाइट में यात्रा कर रहे थे और उन्हें आईबी से एक सूचना मिली थी कि उस फ्लाइट में बम हो सकता है। इस सूचना को उन्होंने फ्लाइट क्रू मेंबर को दी, जिसके बाद सुरक्षा प्रक्रिया शुरू की गई।
सिविल एविएशन सिक्योरिटी एक्ट के तहत अनिमेष मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि यह एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन था। हालांकि, रायपुर में इस मामले की सुनवाई के लिए उचित अदालत नहीं होने के कारण मामले में देरी हो रही थी। बाद में, हाईकोर्ट ने एक स्पेशल कोर्ट का गठन किया, जिससे अब इस मामले की सुनवाई शुरू होगी। अनिमेष के वकील फैजल रिजवी का दावा है कि इस मामले में पुलिस और एयरपोर्ट अथॉरिटी दोनों से चूक हुई थी, जो मामले को बढ़ावा देने में जिम्मेदार थे।
जांच में यह बात सामने आई कि अनिमेष मंडल ने आईबी से प्राप्त सूचना को बिना उचित प्रक्रिया के फ्लाइट क्रू मेंबर को बताया। यह सूचना सही नहीं थी, और इससे फ्लाइट के यात्रियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया। हालांकि, यह एक झूठी सूचना थी, लेकिन सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत इसकी गंभीरता से जांच की गई। अनिमेष मंडल की इस हरकत से ना केवल फ्लाइट की सुरक्षा प्रभावित हुई, बल्कि उनकी अपनी संस्था (आईबी) की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठे।
इस मामले के बाद, अधिकारियों और एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़ी संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अनिमेष मंडल का यह कृत्य केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि सुरक्षा प्रोटोकॉल में भी कुछ खामियां सामने आई हैं। अब इस मामले की कानूनी प्रक्रिया के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन के बाद सुनवाई होगी, जिसमें आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।