नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने महाराष्ट्र शासन से विदर्भ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसरों के पदों की जानकारी मांगी है। अदालत ने पूछा है कि कितने पद स्वीकृत हैं और कितने पदों पर भर्ती हो चुकी है। इसके अलावा, अदालत ने नागपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में 18,000 पौधे लगाने की योजना के बारे में भी जानकारी मांगी है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि आचार संहिता का बहाना नहीं चलेगा और चिकित्सा सेवा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन को अगले सप्ताह तक उत्तर देना होगा।
अदालत में एड. अनूप गिल्डा ने बताया कि महाराष्ट्र में 8 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं, जिनके लिए नागपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों को भेजा जा रहा है, जिससे नागपुर कॉलेज में प्रोफेसरों की कमी हो रही है। इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय ने शासन से जवाब मांगा है, क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट आधार पर प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो सकती।
विदर्भ के अस्पतालों के विकास को लेकर उच्च न्यायालय ने सुओमोटो जनहित याचिकाएं दाखिल की हैं। इस मामले में शासन की ओर से एड. फिरदोस मिर्जा और एड. दीपक ठाकरे ने अपना पक्ष रखा, जबकि एनएमआरडीए की ओर से एड. सुधीर पौराणिक ने अपनी दलीलें पेश कीं। उच्च न्यायालय ने इस मामले में शासन से जवाब मांगा है।