चीन और लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सांसदों को सौंपी गई एक रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि अगर चीन अचानक हमला करता है, तो ताइवान की सेना तुरंत और जोरदार जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है.
रक्षा मंत्रालय ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि चीन के हमले के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सेना की सभी इकाइयां अब ऊपर से आदेश का इंतजार किए बिना, अपने स्तर पर त्वरित फैसले लेकर जवाबी कार्रवाई कर सकती हैं. यह फैसला ताइवान की तैयारी और उसकी दृढ़ता को दर्शाता है, खासकर जब बीजिंग बार-बार चेतावनी देता रहा है कि वह अपनी नियमित सैन्य अभ्यासों को अचानक असली युद्ध में बदल सकता है।
चीन की 'ग्रे जोन रणनीति' पर ताइवान सतर्क
ताइपे (ताइवान की राजधानी) के अनुसार, चीन की सेना लगभग हर दिन ताइवान के आसपास सैन्य गतिविधियां करती है. ताइवान का कहना है कि यह चीन की एक 'ग्रे जोन रणनीति' का हिस्सा है.
ताइवान ने स्पष्ट किया है कि चीन अपनी सैन्य गतिविधियों की संख्या और स्तर हर साल बढ़ाता जा रहा है, जिसमें उसकी नियमित संयुक्त युद्ध तैयारी गश्त भी शामिल हैं.
युद्ध में बदलने पर सेना की तैयारी
रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अगर चीनी सैन्य अभ्यास 'ड्रिल से युद्ध' में बदल जाते हैं, तो ऐसे में ताइवान की सेना के पास लड़ाकू अलर्ट स्तर बढ़ाने की एक तय प्रक्रिया मौजूद है.
रिपोर्ट में यह भी जोड़ा गया कि चीन ताइवान पर हमला करने का लगातार अभ्यास कर रहा है और अपने युद्धपोतों को प्रशांत महासागर में, यहाँ तक कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की ओर तक, आगे भेज रहा है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो रहा है।
'बल प्रयोग से इनकार नहीं': चीन के अभ्यास अब वास्तविक युद्ध पर केंद्रित
रक्षा मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि "चीनी कम्युनिस्टों ने कभी भी ताइवान को अपने में मिलाने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है." बयान में यह भी कहा गया है कि चीन लगातार अपनी अलग-अलग सैन्य शाखाओं के बीच संयुक्त प्रशिक्षण को तेज कर रहा है.
ये अभ्यास अब केवल सैन्य ड्रिल नहीं रह गए हैं, बल्कि नियमित, बहु-सेवा और वास्तविक युद्ध पर केंद्रित अभ्यास बनते जा रहे हैं, जो ताइवान की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा करते हैं.
रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू बुधवार को इस रिपोर्ट पर सांसदों के सवालों का जवाब देने वाले हैं, जहां इस गंभीर सुरक्षा स्थिति पर विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है। ताइवान का यह कदम चीन को स्पष्ट संदेश देता है कि वह किसी भी हमले का सामना करने के लिए तैयार है और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए वह तुरंत प्रतिक्रिया करने में हिचकिचाएगा नहीं।