अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश में एंट्री के नियमों को कड़ा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। ट्रंप प्रशासन अपने मौजूदा ट्रैवल बैन को विस्तार देने की योजना बना रहा है, जिससे प्रतिबंधों के दायरे में आने वाले देशों की संख्या 19 से बढ़कर लगभग 30 हो जाएगी। यह फैसला हाल ही में वॉशिंगटन डी.सी. में हुई एक गंभीर गोलीबारी की घटना के बाद लिया गया है, जिसने देश भर में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
वॉशिंगटन हमले और इमिग्रेशन सिस्टम पर सवाल
यह सख्त फैसला पिछले हफ्ते वॉशिंगटन में हुई उस घटना के बाद लिया गया, जहां दो नेशनल गार्ड सदस्यों पर गोली चलाई गई, जिसमें एक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हमले के आरोपी की पहचान रहमानुल्लाह लाकनवाल के रूप में हुई है, जो एक अफगान नागरिक है। उस पर आरोप है कि वह 2021 में अमेरिका आया था और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना और CIA के साथ काम कर चुका था।
ट्रंप प्रशासन ने इस घटना को अमेरिका के इमिग्रेशन सिस्टम की कमजोरी के रूप में देखा है और कहा है कि देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंधों को कड़ा करना आवश्यक है। प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार की हिंसा देश में प्रवेश के नियमों को सख्त करने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाती है।
किन देशों पर पहले से है प्रतिबंध?
वर्तमान में, अमेरिका ने कुल 19 देशों पर यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगा रखा है।
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पूर्ण यात्रा प्रतिबंध वाले 12 देश: अफगानिस्तान, चाड, कांगो, इरिट्रिया, ईरान, लीबिया, म्यांमार, सोमालिया, सूडान, यमन, इक्वेटोरियल गिनी और हैती।
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आंशिक प्रतिबंध वाले 7 देश: बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेज़ुएला।
इन 19 देशों से अब यह संख्या बढ़ाकर करीब 30 देशों तक की जा सकती है, जिसके लिए जल्द ही नए देशों की सूची जारी होने की उम्मीद है।
ग्रीन कार्ड और वीजा आवेदनों पर भी रोक
USCIS (यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज़) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया है कि जिन 19 देशों पर पहले से प्रतिबंध लागू है, उनके नागरिकों के ग्रीन कार्ड, वीज़ा और अन्य इमिग्रेशन एप्लिकेशन पर फिलहाल रोक लगाई जा रही है।
इसके अतिरिक्त, पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के दौरान अमेरिका में प्रवेश पाने वाले ऐसे लोगों की भी दोबारा जांच की जाएगी। यह कदम कानूनी आव्रजन (Legal Immigration) के लिए भी कड़े नियंत्रण और जांच प्रक्रिया का संकेत देता है।
'अमेरिका फर्स्ट' नीति की प्राथमिकता
ट्रंप प्रशासन पहले भी इमिग्रेशन पर कड़े कदम उठा चुका है, जिनमें शरणार्थियों की संख्या में कटौती, कई देशों के लिए टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस खत्म करना, H-1B वीजा फीस को $100,000 तक बढ़ाने का प्रस्ताव, और हजारों वीजा रद्द करना शामिल है। अब ट्रैवल बैन का यह विस्तार एक बार फिर 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे ऊपर रखने की ट्रंप प्रशासन की दृढ़ प्राथमिकता को दर्शाता है।
इस कदम से प्रभावित होने वाले देशों और अमेरिका आने के इच्छुक लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि इमिग्रेशन और सुरक्षा नियमों में बड़ी सख्ती आने की संभावना है।