निर्देशक आनंद एल राय (Aanand L Rai) हमेशा एक नई कहानी लेकर दर्शकों के सामने आते हैं. उनकी खासियत ये है कि वो अक्सर अपनी कहानियों के जरिए आम जन की कहानियों को दुनिया से रूबरू कराते हैं. इस बार भी आनंद एल राय अपनी फिल्म के टाइटल ‘अतरंगी रे’ (Atrangi Re) की तरह ही फिल्म की कहानी भी अतरंगी ही लेकर आए हैं. ये फिल्म पूर्ण रूप से सारा अली खान और धनुष की है, अक्षय कुमार तो फिल्म में सपोर्टिंग कास्ट मात्र हैं. ये फिल्म 24 दिसंबर से डिज्नी प्लस हॉट स्टार पर स्ट्रीम हो रही है. अगर आप ये फिल्म देखने की तैयारी कर रहे हैं, तो उससे पहले आप यहां इस फिल्म का रिव्यू पढ़ लीजिए.
फिल्म की कहानी बिहार के सीवान की रहने वाली रिंकू सूर्यवंशी (सारा अली खान) और तमिलनाडु के विशु (धनुष) की जिंदगी के ईर्द-गिर्द घूमती है, जिनकी जबरन शादी करा दी जाती है. दोनों की शादी जबरन इसलिए कराई जाती है, क्योंकि रिंकू किसी और से मोहब्बत करती है और वह उसके लिए कई बार घर से भागती है. फिल्म की शुरुआत भी रिंकू के भागने से ही शुरू होती है. विशु दिल्ली में रहकर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा होता है और उसकी शादी किसी और लड़की से होने वाली होती है.
जब ये बात रिंकू को पता चलती है, तो दिल्ली पहुंचने से पहले दोनों ये फैसला करते हैं कि वे अपने रास्ते अलग-अलग कर लेंगे, क्योंकि वे दोनों एक दूसरे के साथ नहीं रहना चाहते. रिंकू जिससे मोहब्बत करती है, वो एक जादूगर होता है, जिसका नाम है- सज्जाद अली खान (अक्षय कुमार). रिंकू और विशु चेन्नई जाते हैं, जहां पर विशु की सगाई होती और तभी टूट भी जाती है, जिसकी वजह होती है रिंकू. इस बीच विशु को एहसास होता है कि उसे रिंकू से प्यार हो गया है.
इससे पहले कि विशु ठीक तरह से रिंकू से अपने प्यार का इजहार कर पाए, तभी एंट्री होती है सज्जाद की. रिंकू कैसे सज्जाद के साथ प्यार में होने की दुविधा से निपटती है और साथ ही साथ विशु के लिए भी भावनाएं रखती है, जो आनंद एल राय हमें इस फिल्म के माध्यम से बताते हैं, लेकिन इसमें एक ट्विस्ट है. अब इसमें ट्विस्ट क्या है इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
अतरंगी रे अपने टाइटल पर कायम रही है. जैसा टाइटल है, वैसी ही फिल्म की कहानी और सारा व धनुष की लव स्टोरी भी अतरंगी है. आनंद एल राय द्वारा निर्देशित, यह ताज़ा रूप से अलग और अनूठी लव स्टोरी है, जो बहुत ही खूबसूरती से अपनी छाप छोड़ती है. ये लव स्टोरी वैसी नहीं है, जिसे हम कई वर्षों से स्क्रीन पर देखते आ रहे हैं. यह फिल्म रिश्तों की गहराई को दर्शाती है, जिन्हें हम हमेशा पकड़कर रखना चाहते हैं. बहुत सारा इमोशन है, जिसके साथ हमें जीना पड़ता है. कुछ चीजों को दर्द सहते हुए भी स्वीकार कर लेते हैं. ये फिल्म इस तरह के कई मिश्रण को दर्शाती है.
ये छोटी और अनोखी लव स्टोरी मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को भी छूती है, लेकिन किसी भी पॉइंट पर कोई संदेश नहीं मिलता है. सारा, धनुष और अक्षय जैसे ऊर्जावान सितारों के साथ लगता है कि कहानी थोड़ी ऊपर तक जा सकती है, लेकिन निर्देशक इतनी शानदार ढंग से संतुलन बनाए रखते हैं कि उसका कोई भी किरदार एक-दूसरे पर हावी नहीं होता है. यहां तक कि विशु के सबसे अच्छे दोस्त (आशीष वर्मा) और रिंकू की दादी (सीमा बिस्वास) सहित कई सपोर्टिंग एक्टर्स अपने पार्ट पर स्टैंड करते हैं.
फिल्म की कहानी जितनी अनूठी है, उतनी ही थोड़ी अटपटी भी है. फिल्म में जिस तरह से एक लव ट्रायंगल दिखाने की कोशिश की गई है, वो बहुत ही ज्यादा अटपता है. हम यहां पर आपको स्पॉइलर तो नहीं देंगे, लेकिन अक्षय और सारा के बीच जो शुरुआत से मोहब्बत दिखाई गई है या जिस तरह से अक्षय को सारा का लवर दिखाया गया है, वो थोड़ा कहानी को फीका बनाता है. फिल्म की कहानी एक सामान गति में आगे बढ़ती है और क्लाइमेक्स में अक्षय और सारा के अनूठे प्यार का भी खुलासा होता है. हालांकि, अगर फिल्म ध्यान से देखेंगे तो आपको क्लाइमेक्स से पहले ही पता चल जाएगा कि अंत में क्या होने वाला है और अक्षय व सारा का रिश्ता क्या है?
फिल्म का म्यूजिक काफी शानदार है और हो भी क्यों न, क्योंकि दिया तो म्यूजिक मैस्ट्रो एआर रहमान ने है. फिल्म के गाने थोड़े अलग हैं, जो ओरिजिनल भी सुनाई पड़ते हैं. संगीत और गानों के बाद अतरंगी रे का स्क्रीनप्ले शायद इसकी यूएसपी में से एक है. हिमांशु शर्मा का लेखन आपको एक अलग दुनिया में ले जाता है, जहां प्यार का एक अलग अर्थ है. कई सीन्स को इस तरह से दर्शाया गया है कि आप एक ही समय पर शायद रो भी पड़ें और मुस्कुरा भी दें. अतरंगी रे बॉलीवुड फिल्मों के किसी भी क्लिच से मुक्त है. यह उस आजमाए हुए फॉर्मूले पर नहीं टिकती है, जिसे हम आमतौर पर बॉलीवुड की कई लव स्टोरीज में देख चुके हैं.
इसके अलावा जो फिल्म की जान है, वो हैं धनुष. जी हां, धनुष ने इस फिल्म में जो एक्टिंग की है, वो जबरदस्त है. पहले लग रहा था कि शायद वो एक बार फिर से रांझणा के लुक और वैसे ही एक्टिंग करते दिखेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है. धनुष ने फिल्म में बहुत ही उम्दा एक्टिंग की है और यही फिल्म की सबसे बड़ी मजबूती है. अक्षय कुमार जैसे हर बार दिखते हैं अपनी फिल्मों में, वो इसमें भी वैसे ही दिखे हैं. सारा अली खान की भी तारीफ करनी होगी, क्योंकि उन्होंने बिहार की भाषा का जो एक्सेंट अपनाया है, वो अच्छा है. सारा अली खान ने अच्छी एक्टिंग की है. अगर आप ये फिल्म सिर्फ मनोरंजन के लिए देखना चाहते हैं तो आपको ये जरूर देखनी चाहिए. अगर लॉजिक लगाकर इस फिल्म को देखेंगे, तो शायद बोर हो सकते हैं.