केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में GST (वस्तु एवं सेवा कर) सुधारों की जोरदार सराहना की। उन्होंने कहा कि ये सुधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति “Reform, Perform, Transform” के तहत किए गए हैं, और यह देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम है।
डेढ़ साल से चल रही थी तैयारी, बाहरी कारकों से नहीं जुड़ा
अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि इन सुधारों की योजना पिछले डेढ़ साल से बन रही थी और इसका किसी भी बाहरी राजनीतिक या आर्थिक कारक से कोई संबंध नहीं है। यह पूरी प्रक्रिया सोच-समझकर, चरणबद्ध और डेटा-ड्रिवन तरीके से आगे बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य केवल कर ढांचे को सरल बनाना नहीं है, बल्कि देश की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) में 20 लाख करोड़ रुपये तक की वृद्धि करना है।
उपभोक्ताओं और उद्योगों को मिलेगा सीधा लाभ
GST में किए गए इन सुधारों से फुटवियर, फास्ट फूड रेस्टोरेंट, FMCG कंपनियां और किराना खुदरा विक्रेताओं को विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है। अब दैनिक उपभोग की वस्तुओं जैसे साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर ऑयल आदि पर GST दरें 12-18% से घटाकर 5% कर दी गई हैं। इससे जहां उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं उद्योगों को अपने मार्जिन सुधारने का अवसर मिलेगा। रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि यह बदलाव खपत में बढ़ोतरी और आर्थिक गति लाने में सहायक होगा।
GST से पहले की व्यवस्था थी बेहद जटिल
मंत्री वैष्णव ने GST लागू होने से पहले की स्थिति को याद करते हुए बताया कि उस समय राज्यों की सीमाओं पर ट्रकों की लंबी कतारें, टैक्स की जटिल प्रणाली, और टैरिफ की असंगतता एक आम बात थी। आज, ई-वे बिल कुछ ही सेकंड में बन जाता है, जिससे व्यापारियों को सुविधा मिली है और लॉजिस्टिक्स की लागत में भी भारी कमी आई है। उन्होंने कहा कि यह सुधार भारत को “एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार” के उद्देश्य की ओर तेज़ी से ले जा रहा है।
नवरात्रि से लागू होंगे नए GST रेट
मंत्री ने यह भी घोषणा की कि 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से GST दरों में किए गए सभी संशोधन औपचारिक रूप से लागू हो जाएंगे। उन्होंने इसे आर्थिक सुधारों का त्योहार बताते हुए कहा कि यह कदम आम आदमी से लेकर उद्योगों तक, सभी के जीवन को बेहतर बनाएगा।
GDP और खपत में बड़ा बदलाव संभव
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्तमान में भारत की GDP लगभग 3.30 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 2.02 लाख करोड़ रुपये का हिस्सा खपत का है। यदि इन सुधारों से खपत में सिर्फ 10% की भी वृद्धि होती है, तो GDP में 20 लाख करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी संभव है। यह भारत को अर्थव्यवस्था की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
निष्कर्ष
GST में किए गए ये परिवर्तन केवल टैक्स सुधार नहीं हैं, बल्कि यह आर्थिक पारदर्शिता, व्यापारिक सहूलियत और उपभोक्ता हितों की दिशा में एक बड़ा कदम है। अश्विनी वैष्णव ने यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दृष्टिकोण भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने के मिशन का हिस्सा है। आने वाले वर्षों में, इन सुधारों के दूरगामी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे।