2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल (SAD) और BJP के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर खुलकर चर्चा की है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि 2027 में अकेले जीतना मुश्किल है और सत्ता में वापसी के लिए गठबंधन को फिर से जिंदा करना होगा।
एक मीडिया हाउस के पॉडकास्ट में अमरिंदर सिंह ने कहा कि BJP 2027 के विधानसभा चुनाव अकेले नहीं जीत सकती और उसे अकाली दल के साथ अपने 27 साल लंबे गठजोड़ को फिर से कायम करना होगा।
गौरतलब है कि SAD ने सितंबर 2020 में केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में BJP के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया था। अब अमरिंदर सिंह के इस बयान ने एक बार फिर दोनों पार्टियों के संभावित पुनर्मिलन की चर्चाओं को हवा दे दी है।
BJP के लिए अकेले लड़ना क्यों मुश्किल?
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में BJP की संगठनात्मक स्थिति पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि BJP राज्य की राजनीतिक और सामाजिक बुनावट को अच्छी तरह से नहीं समझती और इसीलिए अकेले मजबूत संगठनात्मक आधार बनाने में असमर्थ है।
उन्होंने तर्क दिया कि SAD के साथ गठबंधन ही BJP को वह जरूरी कार्य बल और जमीनी नेटवर्क प्रदान कर सकता है जिसकी उसे राज्य में सत्ता में वापसी के लिए आवश्यकता है। अमरिंदर सिंह ने साफ कहा, "अकाली दल के साथ गठबंधन के बिना सरकार बनाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है।"
उनके अनुसार, अगर BJP अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है, तो उसे अपना खुद का आधार तैयार करने में दो से तीन चुनाव लग जाएंगे, जो कि 2027 में सत्ता पाने के लक्ष्य को असंभव बना देगा।
BJP के भीतर भी गठबंधन की माँग
अमरिंदर सिंह का यह बयान से समय में आया है जब पंजाब BJP नेतृत्व में भी इसी तरह की बातें सामने आ रही हैं। पार्टी के भीतर भी गठबंधन को फिर से स्थापित करने की आवाज़ें उठ रही हैं।
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सुनील जाखड़ का समर्थन: मार्च 2024 में, राज्य BJP अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने स्वीकार किया था कि SAD-भाजपा गठबंधन जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
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स्थिरता के लिए आवश्यक: जुलाई 2025 में, जाखड़ ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा था कि SAD के साथ पुनर्मिलन पंजाब में राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाल के उपचुनावों में लगातार मिली हार के बाद, जमीनी स्तर से कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा एक बार फिर SAD के साथ गठबंधन पर गंभीरता से चर्चा करने की मांग उठ रही है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह मुखर समर्थन BJP और SAD दोनों पर दबाव डालता है कि वे अपने पुराने मतभेदों को भुलाकर 2027 में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस जैसी पार्टियों से मुकाबला करने के लिए एकजुट हों।