मुंबई, 26 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड के दोषियों की सजा पर दिल्ली की साकेत कोर्ट ने फैसला 7 नवंबर तक के लिए टाल दिया है। दोषियों की सजा के खिलाफ दलीलों, हलफनामों और रिपोर्ट्स पर बहस होगी। इससे पहले अदालत ने 18 अक्टूबर को हत्या के आरोप में 5 आरोपियों को दोषी करार दिया था। रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत मलिक को हत्या का, जबकि पांचवें आरोपी अजय सेठी को IPC की धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) के तहत दोषी ठहराया गया है। सौम्या की 30 सितंबर 2008 को गोली मारकर हत्या की गई थी। अब मामले में 15 साल बाद आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी।
एडीशनल सेशन जज जस्टिस रवींद्र कुमार पांडे ने कहा कि पांचों दोषियों के हलफनामे के साथ परिवीक्षाधीन अधिकारी ने प्री सेंटेन्सिंग रिपोर्ट (PSR) समेत कुछ डॉक्यूमेंट्स दाखिल नहीं किए थे। इस कारण दोषियों की सजा पर बहस नहीं हो सकी। अदालत ने इसे तैयार करने का निर्देश देते हुए मामले को 7 नवंबर के लिए लिस्टेड किया है। वहीं, पुलिस ने दावा किया था कि हत्या के पीछे का मकसद लूटपाट था। हत्या के दोषी पांचों लोग मार्च 2009 से हिरासत में हैं। साथ ही फैसला आने के बाद सौम्या की मां ने कहा था कि हम दोषियों के लिए उम्रकैद की मांग करते हैं, उन्हें वही भुगतना चाहिए जो हमने झेला है।
आपको बता दें, सौम्या विश्वनाथन हेडलाइंस टुडे की पत्रकार थीं। 30 सितंबर 2008 को दिल्ली के वसंत विहार में आधी रात उनकी हत्या कर दी गई थी। वे ऑफिस से अपनी कार से वापस घर आ रही थीं। पुलिस ने बताया था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से सौम्या की हत्या के मामले का खुलासा हुआ। ट्रायल कोर्ट ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में रवि कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा और बलजीत मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि हाईकोर्ट ने रवि कपूर और अमित शुक्ला की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था और जिगिशा हत्या मामले में बलजीत मलिक की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था।