नागपुर न्यूज डेस्क: राज्य सरकार की लाडली बहन योजना, जो महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, पिछले दो माह से अपने लाभार्थियों तक 1500 रुपये की राशि नहीं पहुंचा पा रही है। चुनावों के समय इस योजना का खूब प्रचार किया गया था और बहनों के खातों में एक साथ तीन माह की राशि भी भेजी गई थी। इससे चुनाव में विपक्ष के कई उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन सरकार गठन के बाद बहनों के खातों में आने वाली राशि धीरे-धीरे कम होने लगी।
पार्शिवनी तहसील में सैकड़ों लाडली बहनें इस समय योजना की राशि का इंतजार कर रही हैं। वर्तमान में लगभग 34 हजार लाडली बहनों का पंजीकरण हुआ था। चुनाव के बाद सरकार ने बहनों की आर्थिक पृष्ठभूमि की जानकारी संकलित करना शुरू किया। इसके आधार पर कई लाभार्थियों के खाते में भुगतान रोक दिया गया। जिन घरों में दो से अधिक लाभार्थी हैं, उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
आयसीडीएस कार्यालय, पंचायत समिति पार्शिवनी ने लाभार्थियों से मूल दस्तावेज लेकर योजना का लाभ प्राप्त करने का निर्देश दिया है। लाडली बहनों का कहना है कि चुनाव के समय उनका राजनीतिक उपयोग किया गया और अब उन्हें उनकी आर्थिक सहायता से वंचित किया जा रहा है। राखी के पर्व के मौके पर 1500 रुपये का इंतजार था, लेकिन इस बार यह राशि बहनों तक नहीं पहुंची।
लाडली बहनों के चेहरे पर निराशा और दुख स्पष्ट दिखाई दे रहा है। सरकार द्वारा उनकी आर्थिक स्थिति की जांच के चलते योजना के लाभ में बाधा आई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक समय और सामान्य परिस्थितियों में योजनाओं की कार्यप्रणाली में बड़ा अंतर होता है।