नागपुर न्यूज डेस्क: सिवनी जिले के कटंगी वन परिक्षेत्र में शुक्रवार शाम को बाघ ने 60 वर्षीय चरवाहे खेमराज नाने पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। खेमराज को पहले पिपरवानी अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन उनकी हालत नाजुक होने के कारण उन्हें नागपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
जानकारी के अनुसार, खेमराज अपने मवेशियों को चराने जंगल की ओर गए थे, जब अंबेझरी और कन्हड़गांव के बीच झाड़ियों में छिपा बाघ अचानक उन पर हमला कर दिया। हमला इतना तेज था कि खेमराज जमीन पर गिर पड़े और बाघ ने उन्हें पंजों और जबड़ों से गंभीर चोटें दीं। इसी दौरान पास में एक जंगली सुअर की आवाज सुनकर बाघ उसका पीछा करने चला गया, जिससे खेमराज ने खुद को खून से लथपथ हालत में गांव तक पहुंचाया।
कटंगी परिक्षेत्र अधिकारी बाबूलाल चढार ने बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व से विशेष रेस्क्यू टीम, पशु चिकित्सक दल और हाथी दल पहले ही इलाके में सक्रिय हैं। वन विभाग ने ड्रोन और ट्रैप कैमरों से बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी है। ग्रामीणों के मुताबिक पिछले कुछ समय से क्षेत्र में बाघ की दहाड़ और पदचिह्न देखे जा रहे हैं और संभावना है कि यहां दो बाघ सक्रिय हैं। इस कारण ग्रामीण रात के समय जंगल या खुले में मवेशी नहीं छोड़ रहे हैं।
वन विभाग ने आसपास के ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले जंगल में न जाएं और मवेशियों को समूह में चराने भेजें। बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे और ट्रैंक्विलाइजर गन का इंतजाम किया गया है और ड्रोन उड़ानों के जरिए उसकी लोकेशन ट्रैक की जा रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह बाघ पेंच टाइगर रिजर्व से भटककर इस क्षेत्र में आ गया है और लगातार मानव बस्तियों के पास दिखाई दे रहा है।