मुंबई, 24 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंडिगो की दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में कारगिल के हीरो परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार का जोरदार स्वागत किया गया। दरअसल जैसे ही प्लेन के कैप्टन को इस बात की जानकारी मिली कि प्लेन में सवार पैसेंजर्स में परमवीर चक्र विजेता सुबेदार मेजर संजय कुमार भी शामिल हैं तो उन्होंने कैबिन से बाहर आकर पैसेंजर्स को यह जानकारी दी। कैप्टन ने संजय कुमार की बहादुरी का वह वाकया भी सुनाया कि कैसे उन्होंने दुश्मनों पर हमला बोला था। हमले के दौरान उन्हें गोली भी लगी थी। इंडिगो की तरफ से सुबेदार मेजर संजय कुमार को तोहफा भी दिया। अन्य पैसेंजर्स ने तालियां बजाकर कारगिल हीरो के प्रति सम्मान जताया। कारगिल के हीरो को सम्मानित करने पर लोगों ने इंडिगो की तारीफ की है। साथ ही संजीव कुमार को सैल्यूट भी किया। एक ने लिखा यह वीडियो देखकर मेरा दिन बन गया। एक अन्य यूजर ने कहा, गर्व की बात है। वहीं, एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, शुक्रिया इंडिगो, हीरो को सम्मान देने के लिए।
आपको बता दें, कारगिल के इस हीरो के सम्मान का वीडियो इंडिगो की तरफ से ट्वीट किया गया है। इस वीडियो में विमान के कैप्टन एडसेल ने परमवीर चक्र विजेता का परिचय दिया। उन्होंने कहा, आज हमारे बीच एक बेहद खास व्यक्ति मौजूद हैं। हम लोगों के बीच परमवीर चक्र विजेता संजीव कुमार जी हैं। इस पुरस्कार की विशिष्टता जानकर आपको हैरानी होगी कि अभी तक यह वीरता का अवॉर्ड केवल 21 लोगों को मिला है। युद्ध के समय दिया जाने वाला यह बहादुरी का सबसे बड़ा सम्मान है। सूबेदार मेजर संजय कुमार ने जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में एक युवा राइफलमैन के तौर पर भारतीय सेना में अपनी सेवाएं शुरू की थी। उन्हें 4 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय में अपने दल के साथ मुशकोह घाटी में प्वाइंट 4875 पर कब्जा करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। ऑटोमेटिक हथियारों से दुश्मनों की भारी गोलाबारी से भारतीय सेना की टुकड़ी का हमला रुकने लगा तो राइफलमैन संजय कुमार ने अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए दुश्मन पर सीधा हमला बोल दिया। इसके बाद आमने सामने की लड़ाई में इस जांबाज़ सिपाही ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए और 3 घुसपैठियों को मौत के घाट उतार दिया। संजय कुमार यहीं पर नहीं रुके अपनी टीम के साथ दुश्मन की दूसरी पोस्ट पर भी हमला बोल दिया। घायल होने बावजूद इस वीर के साहस से दुश्मन हक्का-बक्का रह गया और मैदान छोड़ कर भागने पर मजबूर हो गया। संजय की वीरता के चलते भारतीय सेना का मुशकोह घाटी में प्वाइंट 4875 पर कब्जा हो गया।