मुंबई, 04 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इसकी घोषणा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने नई दिल्ली में की। उन्होंने बताया कि सरकार इस सत्र के दौरान किसी भी विषय पर नियमों के तहत चर्चा को तैयार है। रिजिजू ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष चर्चा की मांग करता है तो सरकार तैयार है। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव इस सत्र के दौरान पेश किया जा सकता है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमला, भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बयान और सीडीएस जनरल अनिल चौहान के बयान जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था।
रिजिजू ने कहा कि न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाया जाने वाला महाभियोग प्रस्ताव राजनीति से ऊपर है और सभी दलों को इसमें सहयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्मा के घर में आग लगने के बाद स्टोर रूम से 500-500 के जले हुए नोटों से भरे बोरे बरामद हुए थे, जो गंभीर मामला है। वहीं कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विशेष सत्र की मांग को कमजोर करने के लिए अचानक मानसून सत्र की घोषणा की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के संसदीय इतिहास में पहले कभी 47 दिन पहले सत्र की घोषणा नहीं हुई थी। जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री विशेष सत्र से बच सकते हैं, लेकिन मानसून सत्र से नहीं। कांग्रेस का कहना है कि पहलगाम हमले के दोषियों को अभी तक सजा क्यों नहीं मिली, यह जानना जरूरी है और इसके लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।