मुंबई, 27 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पश्चिम बंगाल की शांतिनिकेतन यूनिवर्सिटी में एक शिलापट्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाइस चांसलर का नाम लिखने को लेकर विवाद हो गया है। शिला पर रवींद्रनाथ टैगोर का नाम नहीं था। टैगोर ने ही यूनिवर्सिटी की स्थापना पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में की थी। इस पर गवर्नर सीवी आनंद बोस ने यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। उन्होंने कहा, रवींद्रनाथ टैगोर सिर्फ बंगाल या भारत नहीं, बल्कि मानवता की महानता के प्रतीक हैं। नई तख्ती पर उनका नाम लिखकर सम्मान देना चाहिए। राज भवन के सूत्रों ने बताया कि शांतिनिकेतन के वाइस चांसलर बिद्युत चक्रवर्ती ने गवर्नर को स्पष्टीकरण देते हुए अपने जवाब में लिखा, तख्ती पर क्या लिखना है, इसकी अनुमति उन्होंने भारत सरकार के पुरातत्व विभाग से ली थी।
ममता बनर्जी ने इसकी आलोचना करते हुए यूनिसर्विटी प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था। ममता ने बीते दिन कहा, शांतिनिकेतन की पहचान रवींद्रनाथ टैगोर से है और तख्ती से उन्हीं का नाम हटा दिया। हम दुर्गा पूजा के कारण चुप थे। अगर विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने 24 घंटे के भीतर टैगोर के नाम की नई तख्ती नहीं लगाई तो हम कविगुरु की फोटो अपने सीने पर रखकर प्रदर्शन करेंगे। जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी के बाहर प्रदर्शन भी किया। वहीं बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, रवींद्रनाथ टैगोर शांतिनिकेतन में हमेशा मौजूद हैं। सब जानते हैं कि टैगोर के बिना शांतिनिकेतन कुछ नहीं है। ममता बनर्जी राजनीतिक फायदे के लिए विवाद को बढ़ा रही हैं।
आपको बता दें, शांतिनिकेतन वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने वाली भारत की 41वीं धरोहर है। लंबे समय से इसे हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने की मांग की जा रही थी। इससे पहले आगरा किला, अजंता की गुफाएं, ताजमहल, कोणार्क सूर्य मंदिर, काजीरंगा नेशनल पार्क, फतेहपुर सीकरी, सांची और जयपुर के जंतर मंतर समेत कई धरोहरों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। दुनिया की कुल 1172 प्रॉपर्टी वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हैं। सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को इसमें शामिल किया जाता है।