बीजेपी सरकार बनने के साथ ही पुलिस अब नक्सल विरोधी अभियान में एक्शन मोड में है. बता दें कि बीजेपी नेता रतन दुबे की हत्या में शामिल 4 माओवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार नक्सली आईईडी ब्लास्ट, सड़क जाम, आगजनी, हत्या आदि कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. अपराधियों को पकड़कर जेल भेजा गया.
यह हमला 4 नवंबर को हुआ था
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ चुनाव के पहले चरण से पहले 4 नवंबर को नारायणपुर में नक्सलियों ने बीजेपी नेता की हत्या कर दी थी. हत्या उस समय हुई जब कोसलनार क्षेत्र के भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य रतन दुबे वोट मांगने के लिए कोसलनार क्षेत्र के जनपद सदस्य कौशलनार गांव गए थे। नारायणपुर में पहले चरण के तहत 7 नवंबर को वोटिंग हुई थी. इस घटना को अंजाम देकर नक्सलियों ने कर इलाके में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश की है.
राज्य में नक्सली घटनाएं आम हैं
छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाएं आम हैं. रतन दुबे की मौत से पहले कोसलनार जिले के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी इलाके के नक्सल प्रभावित गांव सरखेड़ा में बीजेपी नेता बिरजूराम ताराम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. छत्तीसगढ़ को नंबर वन नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है, लेकिन अब राज्य में बीजेपी की सरकार आ गई है, सीएम बनते ही यह कार्रवाई की गई है. इतिहास में देखें तो अप्रैल 2010 में सुकमा जिले में नक्सली हमले में 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे, जिसे राज्य की सबसे भयानक घटनाओं में से एक माना जाता है।