मुंबई, 31 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया है। यह राज्य के मराठवाड़ा इलाके के 8 जिलों में फैल गया है। इनके अलावा पुणे, अहमदनगर में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस पर 6 किमी जाम लग गया। इन शहरों में आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। बीड और माजलगांव के बाद जालना के पंचायत बॉडी ऑफिस में आग लगा दी गई। इसके पहले उमरगा कस्बे के नजदीक तुरोरी गांव में भी सोमवार देर रात आगजनी हुई। तुरोरी में प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक डिपो की एक बस में आग लगा दी थी। राज्य सरकार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित बीड शहर के बाद उस्मानाबाद में भी प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। बीड में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। वहीं, जालना शहर में भी पिछले 12 घंटों में तीन लोगों ने सुसाइड करने की कोशिश की। यहां भी पिछले 13 दिनों से प्रदर्शन जारी है। दैनिक भास्कर के सूत्रों के मुताबिक, शिंदे सरकार विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाने पर विचार कर रही है। इसके लिए कैबिनेट मीटिंग हो सकती है। इसमें मराठाओं को आरक्षण देने के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है।
तो वहीं, CM एकनाथ शिंदे ने कहा कहा कि मराठा समाज बहुत ही शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन करता है, कौन भड़काने का काम कर रहा है, आगजनी कर रहा है इसपर सरकार का ध्यान है। साथ ही आंदोलन के नेता मनोज जारंगे ने कहा कि आधा नहीं, पूरा आरक्षण लेंगे। कोई भी ताकत आ जाए, महाराष्ट्र के मराठा नहीं रुकेंगे। विधायकों, सांसदों को आरक्षण मिलने तक मुंबई में रहना चाहिए। वहीं, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन में मुलाकात की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार रात राज भवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। फडणवीस ने कहा कि कल बीड़ जिले में जो घटना हुई है, उसका समर्थन नहीं किया जा सकता। OBC नेताओं को धमकी देने वालों पर करवाई का आदेश दिया गया है। पुलिस 307 के तहत केस दर्ज कर रही है। हम मराठा आरक्षण को लेकर गंभीर हैं। कुछ निर्णय कैबिनेट में हुआ है। हम सुप्रीम कोर्ट में भी पक्ष मजबूती से रखेंगे ,लेकिन हिंसा बर्दास्त नहीं की जाएगी। साथ ही,बीड कलेक्टर दीपा मुधोल-मुंडेने कहा कि सोमवार देर रात हालात ठीक नहीं थे, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में हैं। सभी दुकानें और मार्केट बंद हैं। उद्धव ठाकरे ने मुंबई में कहा कि मराठा आरक्षण पर अभी तक कोई तोड़ नही निकाला जा सका है। आरक्षण पर रास्ता निकालिए, हम आपके साथ हैं। जरूरत पड़े तो संसद का विशेष अधिवेशन बुलाइए।