मुंबई, 30 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों के परिजन से मुलाकात की, जिन्हें कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। एस जयशंकर ने परिजन को बताया कि सरकार इस मामले को प्राथमिकता से देख रही है। सरकार पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के लिए सभी तरह की कोशिश कर रही है। तो वहीं, भारत सरकार ने 27 अक्टूबर को सजा सुनाए जाने के बाद इस पर हैरानी जाहिर की थी। कहा था, उन्हें छुड़ाने के लिए कानूनी रास्ते खोजे जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि हम जजमेंट की डिटेलिंग का इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल, कतर सरकार ने 8 भारतीयों पर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है। वहीं, इंडियन नेवी चीफ एडमिरल हरी कुमार ने भी कतर में कैद पूर्व भारतीय नौसैनिकों को लेकर जानकारी दी है। गोवा में एक इवेंट के दौरान उन्होंने कहा- सरकार सभी पूर्व नौसैनिकों को छुड़ाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने नौसैनिकों को जो सजा सुनाई, उसकी पूरी जानकारी रविवार को हमें सौंपी जानी थी। हालांकि अब तक ऐसा नहीं हुआ है। सॉलिटरी कन्फाइनमेंट में भेजे जाने से यह चर्चा है कि उन्हें सुरक्षा संबंधी अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। वहीं, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी इजराइल के लिए उनके देश की जासूसी कर रहे थे। हालांकि इसमें भी कोई तथ्य पेश नहीं किया गया है। यह पूछे जाने पर कि उन पर क्या आरोप लगाए गए हैं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस साल जनवरी में अपनी वीकली ब्रीफिंग में कहा था कि यह सवाल कतर के अधिकारियों से पूछा जाना चाहिए।