नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर का इतवारी इलाका इन दिनों हवाला कारोबारियों के लिए खतरे की घंटी बन चुका है। ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी और फर्जी जीएसटी बिलिंग से जुड़े इस गोरखधंधे में अब अपराधियों और छुटभैया नेताओं (एमके) की एंट्री हो चुकी है। हाल ही में हुए एक खुलासे के बाद यहां के व्यापारियों में दहशत का माहौल है, जबकि हवाला के कई खिलाड़ी भूमिगत हो गए हैं। मामला करोड़ों रुपये की वसूली से जुड़ा है, जिसे लेकर अब दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं।
सूत्रों की मानें तो किराए के बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ। इस नेटवर्क में एजेंट, बुकी और ड्राई फ्रूट व्यापारी शामिल थे। एजेंटों को इसमें 15 से 25 प्रतिशत का कमीशन दिया जाता था। लेकिन जब बुकी ने अपनी रकम वापस मांगी, तो पूरा मामला बिगड़ गया। खासकर जब एक बुकी के 5 करोड़ रुपये फंस गए, तो यह मामला और पेचीदा हो गया।
रकम वापस लेने के लिए इस बुकी ने स्थानीय छुटभैया नेता (एमके) की मदद ली, जो पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है। नेता के दखल के बाद मामला और उलझ गया। उसने पुलिस और बड़े नेताओं के नाम लेकर व्यापारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। यही नहीं, उसने सीधे तौर पर कई लोगों को धमकाया भी, जिससे मामला और गरमा गया।
जैसे ही यह मामला तूल पकड़ने लगा, अन्य अपराधी भी इसमें कूद पड़े। अब दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। हवाला कारोबारी इस गैंग के निशाने पर आ गए हैं, जिससे इलाके में किसी बड़ी वारदात की आशंका बढ़ गई है।
इस पूरे खेल में पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। ड्राई फ्रूट व्यापारी और उसके गुर्गों ने पहले ही पुलिस को अपने पक्ष में कर लिया था, जिससे वसूली करने वालों पर ही दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन जैसे ही छुटभैया नेता ने मोर्चा संभाला, मामला और पेचीदा हो गया। अब पुलिस भी समझ नहीं पा रही कि वह किसका समर्थन करे।
अब तक 3.56 करोड़ रुपये वापस किए जा चुके हैं, लेकिन बाकी 2 करोड़ रुपये के लिए दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। बुकी और व्यापारी दोनों अपने-अपने रसूखदार संपर्कों को एक्टिव कर चुके हैं, जिससे नागपुर का इतवारी इलाका तनाव में है। हर कोई इस बात को लेकर डरा हुआ है कि अगला निशाना कौन होगा।
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह मामला किसी बड़ी वारदात का कारण बनेगा? क्या पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई करेगी या फिर रसूखदारों के दबाव में मामला रफा-दफा हो जाएगा? जवाब तो वक्त देगा, लेकिन एक बात साफ है—इस खुलासे ने नागपुर के व्यापारियों और हवाला कारोबारियों के बीच खलबली मचा दी है।