नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के नागपुर में महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। शुरुआती जांच में इसे डकैती का केस बताने की कोशिश की गई थी, लेकिन पुलिस ने गहराई से छानबीन करने के बाद इसे एक सोची-समझी हत्या करार दिया है। इस मामले में मृतका के पति और देवर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन पर इस वारदात को अंजाम देने का आरोप है।
मृतक महिला, डॉ. अर्चना, नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में फिजियोथेरेपी विभाग में सहायक प्रोफेसर थीं। उनके पति डॉ. अनिल राहुले रायपुर के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ाते हैं। पुलिस के अनुसार, अनिल को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था, जिसके चलते उनके रिश्ते में लंबे समय से तनाव चल रहा था। दोनों के बीच आए दिन झगड़े होते थे और अनिल कई बार अर्चना के साथ मारपीट भी करता था।
हत्या की साजिश 9 अप्रैल को रची गई, जब अनिल ने अपने भाई राजू को नागपुर बुलाया। योजना के तहत, अनिल ने अर्चना के पैरों को पकड़कर उसे जमीन पर गिरा दिया और फिर राजू ने लोहे की रॉड से उसके सिर पर वार कर दिया। अर्चना की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के बाद दोनों भाइयों ने घर का ऑटोमेटिक लॉक लगाकर दरवाजा बंद कर दिया और वहां से फरार हो गए ताकि मामला डकैती जैसा लगे।
12 अप्रैल को अनिल दोबारा घर लौटा और शोर मचाकर पड़ोसियों को बुलाया ताकि लगे कि वह अब इस घटना से वाकिफ हुआ है। लेकिन जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसे शक हुआ क्योंकि शव सड़ चुका था, जिससे साफ था कि हत्या दो-तीन दिन पहले हो चुकी थी। अनिल का बर्ताव भी पुलिस को अजीब लगा—वो बार-बार बेहोश होने का नाटक कर रहा था। सख्ती से पूछताछ करने पर अनिल टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसके बाद राजू की भी गिरफ्तारी हुई। फिलहाल पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं हत्या के पीछे कोई और वजह तो नहीं थी।