नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर-चिरमिरी रेलवे हॉल्ट लाइन परियोजना के तहत प्रभावित गांवों की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर एसडीएम लिंगराज सिदार की अध्यक्षता में सुनवाई आयोजित की गई। चिरईपानी, बंजी, सरोला, सरभोका और खैरबना सहित कई गांवों की जमीन इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की जानी है। पूर्व में रेलवे और राजस्व विभाग ने भूमि चयन को लेकर सर्वे किया था, लेकिन उसमें खसरा नंबर, भूमि स्वामित्व और जाति से जुड़ी कई त्रुटियां पाई गई थीं। इन त्रुटियों को दूर करने और भूमि स्वामियों की शंकाओं को दूर करने के लिए प्रशासन ने 5 मार्च को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय में सुनवाई आयोजित की।
सुनवाई के दौरान प्रभावित भूमि स्वामियों की आपत्तियों को सुना गया और उनके दस्तावेजों की गहन जांच की गई। प्रशासन ने आश्वस्त किया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित की जा रही है, ताकि किसी भी किसान या हितधारक को अनावश्यक परेशानी न हो। जिन किसानों को कोई आपत्ति थी, उन्होंने दस्तावेज पेश किए और प्रशासन ने उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया। किसानों की सहमति और सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अधिग्रहण को अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सभी प्रभावित किसानों को नियमानुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा और रेलवे परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि का सही मूल्यांकन किया जाएगा। अधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे किसी भी संदेह या समस्या के लिए सीधे प्रशासन से संपर्क करें। इस परियोजना को क्षेत्र के विकास के लिए अहम बताया जा रहा है, जिससे भविष्य में रेलवे कनेक्टिविटी बेहतर होगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।