नागपुर न्यूज डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 मार्च को नागपुर के दौरे की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी इस दिन वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय जाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहली बार होगा जब पीएम मोदी संघ मुख्यालय का दौरा करेंगे। इससे पहले उनकी आखिरी मुलाकात संघ प्रमुख मोहन भागवत से 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर उद्घाटन समारोह के दौरान हुई थी। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगवार को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जो संघ के लिए एक महत्वपूर्ण परंपरा मानी जाती है।
दौरे के दौरान पीएम मोदी सुबह 10 बजे माधव नेत्रालय के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। हिंगना रोड स्थित यह नेत्रालय करीब 6.8 एकड़ में फैला हुआ है और इसकी इमारत करीब 5 लाख वर्ग फीट में बनी है। इस परियोजना की लागत लगभग 517 करोड़ रुपये बताई जा रही है और इसे विभिन्न सामाजिक संगठनों और व्यक्तिगत दान के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इस नेत्रालय में 250 बेड का मेडिकल कॉलेज भी होगा, जहां विशेष रूप से नेत्र चिकित्सा की पढ़ाई होगी। उद्घाटन कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और अन्य प्रमुख हस्तियां भी शामिल होंगी।
पीएम मोदी के दौरे का राजनीतिक महत्व भी काफी बड़ा है। पिछले कुछ महीनों में पीएम मोदी ने तीन अलग-अलग मौकों पर सार्वजनिक रूप से संघ की सराहना की है। पिछले साल विजयादशमी पर उन्होंने संघ की तारीफ की थी। इसके बाद फरवरी में मराठी लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान शरद पवार की मौजूदगी में उन्होंने संघ के अपने जीवन पर प्रभाव की चर्चा की थी। हाल ही में अमेरिकी पॉडकास्टर लैक्स फ्रिडमैन के इंटरव्यू में भी पीएम मोदी ने संघ की भूमिका की सराहना की थी। नागपुर दौरे के बाद पीएम मोदी और मोहन भागवत के बीच अलग से मुलाकात की संभावना भी जताई जा रही है, जिससे संघ और बीजेपी के बीच के रिश्तों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
राजनीतिक गलियारों में इस दौरे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि इस दौरे से संघ और बीजेपी के बीच की दूरी कम होगी और दोनों के संबंधों में नई मजबूती आएगी। इसके अलावा, बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर भी इस दौरे को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। संघ और पीएम मोदी के रिश्तों को लेकर पिछले कुछ समय से जो चर्चाएं हो रही थीं, इस दौरे के बाद उन पर विराम लग सकता है।