नागपुर न्यूज डेस्क: दक्षिण नागपुर के लोग पिछले 10 से 15 वर्षों से लगातार बिजली की कटौती से परेशान हैं। हैरानी की बात यह है कि नागपुर से अब तक तीन ऊर्जा मंत्री बन चुके हैं, फिर भी इस क्षेत्र की बिजली समस्या जस की तस बनी हुई है। अधिकारियों के अनुसार, इलाके में तेजी से बढ़ती आबादी और बाजारों की वजह से बिजली की मांग बढ़ी है, लेकिन उसी गति से बिजली व्यवस्था को मजबूत नहीं किया गया।
क्षेत्र में कई जगहों पर अंडरग्राउंड केबल बिछाई जा रही है, लेकिन समस्या तब आती है जब इनमें फॉल्ट आ जाता है। मुंबई जैसे शहरों में जहां फॉल्ट तुरंत पकड़ में आ जाता है, वहीं यहां तकनीकी संसाधनों की कमी के कारण फॉल्ट का पता लगाने में ही कई घंटे लग जाते हैं। हाल ही में इसी तरह की तकनीकी खामी के चलते जानकीनगर फीडर में केबल फॉल्ट हुआ, जिससे विज्ञाननगर, अवधूतनगर, विट्ठलनगर और महाकालीनगर जैसे कई इलाकों में रातभर अंधेरा छाया रहा।
सोमवार की रात एक खराबी को ठीक कर लिया गया, लेकिन दूसरी गड़बड़ी का काम मंगलवार सुबह से शुरू किया गया। इसके लिए 10 फीट गहरा गड्ढा खोदकर सीमेंट स्लैब तोड़ने की जरूरत पड़ी। मरम्मत के दौरान धनगवलीनगर, वैष्णव मातानगर, चक्रपाणीनगर और सिद्धेश्वरी इलाके की बिजली कुछ समय के लिए बंद रखी गई। इसी तरह न्यू अमरनगर, मेहेरबाबानगर और विट्ठलनगर की बिजली भी एक से डेढ़ घंटे के लिए काटी गई।
गर्मियों में बढ़ते तापमान के चलते लोग कूलर, एसी और पंखों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे बिजली प्रणाली पर भारी दबाव पड़ रहा है। इंजीनियरों का कहना है कि अधिक लोड की वजह से फॉल्ट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। 16 जून की रात आई खराबी भी इसी कारण हुई। बिजली विभाग ने नागरिकों से अपील की थी कि रात 11 बजे से 2 बजे तक कम से कम बिजली का उपयोग करें, ताकि सिस्टम पर बोझ कम पड़े और सभी को राहत मिल सके।