नागपुर न्यूज डेस्क: मानसून की बारिश के साथ नागपुर में सर्पदंश के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। बीते एक महीने में जिले में 134 सर्पदंश की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 34 घटनाएं जहरीले सांपों—करैत, कोबरा और रसेल वाइपर—से जुड़ी रहीं। राहत की बात यह रही कि सर्पमित्रों और स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता से सभी पीड़ितों की जान बचाई जा सकी।
सबसे ज्यादा घटनाएं खेतों में काम करते समय या रात के वक्त सोते समय हुईं। विदर्भ सर्पमित्र समिति के अध्यक्ष मोनू सिंह ने बताया कि बारिश के मौसम में सांप सूखी जगह या भोजन की तलाश में बिलों से निकल बस्तियों की ओर बढ़ते हैं। इस वजह से खेतों और घरों में उनका खतरा और बढ़ जाता है।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सभी पीड़ितों को समय रहते एंटी-वेनम इंजेक्शन दिया गया, जिससे उनकी जान बच गई। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पदंश के बाद पहले एक घंटे को ‘गोल्डन आवर’ माना जाता है, जिसमें इलाज शुरू कर देने से जान बचाई जा सकती है।
सर्पदंश से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग और सर्पमित्र समिति ने कई सुझाव भी दिए हैं, जैसे—सोने से पहले बिस्तर और आसपास की जगह जांचें, फर्श पर न सोएं, खेत में काम करते समय जूते व दस्ताने पहनें, रात को टॉर्च लेकर निकलें और सांप काटने की स्थिति में तुरंत अस्पताल जाएं।