नागपुर न्यूज डेस्क: उमरेड तहसील के चंपा हलदगांव इलाके में बाघ का आतंक बढ़ता जा रहा है। शनिवार सुबह गांव में बाघ ने एक गौशाला में घुसकर दो बछड़ों पर हमला कर दिया। किसान गणेश चौधरी की गौशाला में बंधी गाय और उसके दो बछड़ों पर बाघ ने हमला किया, जिसमें दोनों बछड़ों की मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है, और किसान वन विभाग से तुरंत मदद की मांग कर रहे हैं।
पिछले तीन वर्षों में चंपा, पचगांव, सलाईमेंढा, तिखाड़ी, हलदगांव, मांगली, ऊटी हेटी, भिवापुर सुकली, पेंढारी, मटकाज़ारी, कच्चीमेंट और फुकेश्वर जैसे इलाकों में बाघ के हमलों की सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हैं। इन हमलों में बड़ी संख्या में मवेशी मारे जा चुके हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। लगातार हो रहे इन हमलों से किसान अब बेहद डर में जी रहे हैं, क्योंकि उनकी आजीविका पर सीधा असर पड़ रहा है।
गांव के किसानों का कहना है कि वन विभाग को तत्काल सुरक्षा के ठोस कदम उठाने चाहिए। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूबन योजना के तहत जंगल से सटे खेतों की सुरक्षा के लिए उपाय किए जाने चाहिए, जैसे खेतों की सीमाओं पर सुरक्षा जाल लगाना। इससे किसानों को राहत मिल सकेगी और उनके मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
पूर्व सरपंच आतिश पवार ने सरकार से मांग की है कि बाघ के हमले से प्रभावित किसानों को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वन विभाग ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए, तो ग्रामीण और किसान मिलकर बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। ग्राम पंचायत चंपा की ओर से इस संबंध में एक औपचारिक मांग भी की गई है।