फिल्म : सेक्टर 36
डायरेक्टर : आदित्य निम्बालकर
लेखक :बोद्धायन रॉय चौधरी
कास्ट : विक्रांत मैसी, दीपक डोबरियाल, आकाश खुराना, दर्शन जरीवाला, बहरुल इस्लाम
ड्यूरेशन : 123 मिनट
सेक्टर 36' भारतीय सिनेमा की एक नई और दिलचस्प पेशकश है, जिसे मैडॉक फिल्म्स ने प्रस्तुत किया है। यह फिल्म दर्शकों को एक नई औरअनोखी कहानी के साथ जोड़ती है, जो उनके दिल और दिमाग को छूने में सक्षम है। फिल्म की शुरुआत से ही, 'सेक्टर 36' एक गहरी और दिलचस्पकहानी पेश करती है जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है। इसके हर दृश्य में एक नई जिज्ञासा और सस्पेंस का तत्त्व है, जो दर्शकों को लगातार अपनी ओर खींचता है।
फिल्म 2006 के नोएडा सीरियल मर्डर्स, जिन्हें निठारी किलिंग्स के नाम से जाना जाता है, से प्रेरित है।इसमें विक्रांत मैसी ने एक अमीर परिवार के घरेलूकर्मचारी की भूमिका निभाई है, जो एक गहरे और खतरनाक रहस्य से ढका हुआ है। उसका किरदार, जो निर्दयता और क्रूरता से भरा हुआ है, बिनाकिसी पछतावे के बच्चों का अपहरण और हत्या करता है। उसका अतीत, जो पीड़ा और दुख से भरा हुआ है, उसे एक ऐसा हत्यारा बना देता है।
इस किरदार का मालिक, अक्षय खुराना, जो एक प्रभावशाली और अमीर व्यक्ति की भूमिका में हैं, का बच्चों के साथ दुराचार का इतिहास है, जो उसेअपने घर में हो रहे भयानक अपराधों में एक भागीदार बना देता है। दोनों मिलकर यह घिनौने काम करते रहते हैं।
दीपक डोबरियाल ने इंस्पेक्टर राम चरण पांडे की भूमिका निभाई है। शुरू में, पांडे लापता बच्चों के मामलों को बस सांख्यिकीय आंकड़े मानता हैं।उसको बच्चो के गायब होने से परवाह नहीं पड़ता। लेकिन जब उसकी अपनी बेटी संभावित शिकार के रूप में सामने आती है, तो वह अपनी गलतीका एहसास करता है और उसके बाद इस केस की जड़ तक जाने का फैसला लेता है।
फिल्म में कलाकारों की शानदार परफॉर्मेंस ने इसे और भी प्रभावशाली बना दिया है। मुख्य भूमिकाओं में विक्रांत मैसी और दीपक डोबरियाल ने अपनेअभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है।
विक्रांत मैसी की इस फिल्म में परफॉर्मेंस को देखते ही बनता है। यह उनकी अब तक की सबसे अनोखी और अप्रत्याशित भूमिका है, जिसे दर्शकों नेपहले कभी नहीं देखा। उनके किरदार की गहराई और जटिलता को निभाते हुए मैसी ने अपने अभिनय कौशल की एक नई मिसाल कायम की है।उनकी क्रूरता और निर्दयता दर्शकों को चौंका देने वाली है और यह भूमिका उनके करियर के बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक साबित होती है।
साथ ही, दीपक डोबरियाल ने भी अपने करियर की सबसे प्रभावशाली परफॉर्मेंस दी है। इंस्पेक्टर राम चरण पांडे के रूप में उनका अभिनय अत्यंतप्रभावशाली है।
फिल्म के निर्देशक ने कहानी को जिस कुशलता से पर्दे पर उतारा है, वह सराहनीय है। आदित्य निम्बालकर ने हर दृश्य को इतनी बारीकी से तैयारकिया है कि दर्शक हर पल तनाव और सस्पेंस का अनुभव करते हैं। निर्देशन की सशक्तता फिल्म के हर पहलू में दिखाई देती है – चाहे वहसिनेमेटोग्राफी हो या संपादन । फिल्म का निर्देशन इस तरह से किया गया है कि दर्शक पूरी तरह से कहानी में डूब जाते हैं। पहली फिल्म में ऐसा कामदिखाने के लिए आदित्य को ढेरों बधाई।
मैडॉक फिल्म्स, जो भारतीय सिनेमा में अपनी विविधता और गुणवत्ता के लिए मशहूर है, ने 'सेक्टर 36' के साथ एक और बेहतरीन प्रोजेक्ट पेश कियाहै। उनकी फिल्म निर्माण की खासियत यह है कि वे न केवल मनोरंजन प्रदान करते हैं, बल्कि एक नया दृष्टिकोण और नया अनुभव भी देते हैं। 'सेक्टर36' के माध्यम से मैडॉक फिल्म्स ने एक बार फिर दर्शकों को सिनेमाई उत्कृष्टता का अनुभव कराया है।
मैडॉक फिल्म्स और जियो स्टूडियोज के बैनर तले दिनेश विजन और ज्योति देशपांडे द्वारा निर्मित , 'सेक्टर 36' एक ऐसी फिल्म है जिसे देखने के लिएदर्शकों को समय निकालना चाहिए। अगर आप एक थ्रिलर फिल्म के शौकीन हैं जो आपको हर पल सस्पेंस और रोमांच में बनाए रखे, तो 'सेक्टर 36' आपकी सूची में जरूर होनी चाहिए।