समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने वाराणसी के दालमंडी चौड़ीकरण मुद्दे पर योगी सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि दालमंडी सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि सदियों पुरानी विरासत है, जिसे सरकार राजनीतिक वजहों से नुकसान पहुंचा रही है।
“ये हेरिटेज संरक्षण नहीं, बीजेपी की राजनीतिक योजना”
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार इसे हेरिटेज डेवलपमेंट का नाम दे रही है, जबकि असलियत इससे बिल्कुल उलट है। उन्होंने आरोप लगाया कि दालमंडी के व्यापारियों पर महीनों से संकट छाया हुआ है और बीजेपी का असल मकसद यहां की सियासी जमीन को अपने पक्ष में करना है। उनके मुताबिक—“ये कोई विरासत बचाने की योजना नहीं है। ये पूरी तरह से राजनीतिक एप्रोच है क्योंकि बीजेपी के लोग दालमंडी में चुनाव जीत नहीं पाए, इसलिए अब बाजार को ही खत्म करने की तैयारी है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिन दुकानदारों की पीढ़ियां यहां काम कर रही हैं, सरकार उनसे उनकी जगह छीन रही है, जबकि वे खुद उस बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं।
“दुकान दे दोगे, ग्राहक कैसे दोगे?”
अखिलेश यादव ने सरकार की प्रस्तावित पुनर्वास योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर दुकानों को कहीं और शिफ्ट भी किया जाए, तब भी व्यापारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या ग्राहकों की होगी, क्योंकि दालमंडी का बाजार अपनी लोकेशन, इतिहास और पहचान की वजह से खास है।
उन्होंने तीखे लहजे में कहा—“एक दुकान को जमाने में जमाने लग जाते हैं। बीजेपी दालमंडी वालों को दाल की तरह दले नहीं। जब लोग तैयार ही नहीं हैं, तो उनसे उनकी रोज़ी-रोटी कैसे छीनी जा सकती है?”अखिलेश के अनुसार दालमंडी का बाजार एक दिन में नहीं बना, बल्कि पीढ़ियों की मेहनत से यह इलाका जीवंत हुआ है। चौड़ीकरण के नाम पर इसे उजाड़ना हजारों परिवारों को आर्थिक संकट में धकेल देगा।
“चौड़ीकरण बीजेपी की संकीर्ण सियासत की साजिश”
सपा चीफ ने कहा कि सरकार विकास की आड़ में राजनीतिक बदले की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के नेताओं और अधिकारियों पर दबाव है कि दालमंडी क्षेत्र में ऐसा बदलाव लाया जाए, जिससे वहां की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पूरी तरह बदल जाए। उन्होंने कहा—“चौड़ीकरण की बात बीजेपी की संकीर्ण सियासत का हिस्सा है। किसी की जीविका छीनने का अधिकार उन्हें किसने दिया?”
“व्यापारियों को सम्मान दें, विरासत बचाएं”
अखिलेश यादव ने मांग की कि सरकार दालमंडी के कारोबारियों को सम्मान दे और वहां की विरासत को बचाने के लिए पारदर्शी और जनहित आधारित कदम उठाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि—“लखनऊ में जिस मॉल का निर्माण हुआ था, उसे भी बीजेपी ने बेच दिया। उन्हें विकास की चिंता नहीं, बल्कि संपत्तियों पर कब्जा और व्यापारियों पर दबाव बनाने की आदत है।”