मणिपुर में मैतेई राष्ट्रपति शासन के खिलाफ, कुकी का समर्थन, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Friday, February 14, 2025

मुंबई, 14 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के फैसले का मैतेई समुदाय ने विरोध किया है। वहीं, कुकी समुदाय के लोग केंद्र सरकार के फैसले से खुश हैं। मैतेई समुदाय का कहना है कि एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में जल्द किसी सक्षम व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। राष्ट्रपति शासन लागू करने का फैसला ठीक नहीं है। कुकी समुदाय की संस्था ITLF ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला सही है। CM बदलने से कुछ नहीं होता। फोरम कुकी समुदाय के लिए अलग प्रशासन की भी मांग कर रहा है। वहीं, मणिपुर भाजपा अध्यक्ष शारदा देवी ने कहा कि, 'विधानसभा अभी भी निलंबित अवस्था में है। कुछ समय बाद हालात को देखते हुए सदन चलाने पर विचार हो सकता है। केंद्र सरकार ने राज्य में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया था। यह फैसला मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के 4 दिन बाद लिया गया। सिंह ने 9 फरवरी को गवर्नर को इस्तीफा सौंपा था।

वहीँ, भाजपा सांसद और पार्टी की नॉर्थ-ईस्ट इकाई के प्रभारी संबित पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी राज्य में शांति रहेगी और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हो रही अवैध घुसपैठ से सख्ती से निपटा जाएगा। पात्रा ने कहा कि मणिपुर के राज्यपाल की रिपोर्ट के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य विधानसभा को सस्पेंड कर दिया है। अब परिस्थितियों के अनुसार राष्ट्रपति जब चाहें इसे बहाल कर सकती हैं। उन्होंने कहा, जहां तक ​​भाजपा का सवाल है, हम राज्य में शांति बनाए रखने की कोशिश करेंगे और मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर में अशांति के लिए भाजपा ही जिम्मेदार है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- मणिपुर में पिछले आठ सालों से भाजपा की सरकार थी और केंद्र में भी पिछले 11 सालों से भाजपा शासन कर रही है। ऐसे में राज्य की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी उन्हीं की थी।

मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने शुक्रवार को दावा किया कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना कोई समाधान नहीं है, बल्कि राज्य में चल रही जातीय हिंसा से बचने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में चुनाव होने से ज्यादा फर्क नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य में विस्थापित लोगों की स्थिति सुधारने पर काम करना चाहिए। शर्मिला ने कहा- PM मोदी को अपने उद्योगपति दोस्तों से यहां के विकास के लिए निवेश कराना चाहिए। साथ ही, एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा, जान-माल के नुकसान के बावजूद पीएम मोदी ने एन बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा। लेकिन अब लोगों की तरफ से बढ़ते दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की वजह से एन बीरेन सिंह इस्तीफा देने को मजबूर हो गए। एक्स पर पोस्ट में कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी बात यह है कि राज्य में शांति बहाल की जाए और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने का काम किया जाए। पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए, वहां के लोगों की बात सुननी चाहिए और यह बताना चाहिए कि वे हालात सामान्य करने के लिए क्या योजना बना रहे हैं।


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