नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर जिले में बिजली चोरी के खिलाफ महावितरण की सख्त कार्रवाई के चलते पिछले वित्तीय वर्ष में 4,196 गंभीर मामलों का खुलासा हुआ है। इन मामलों की वजह से कंपनी को करीब 7 करोड़ 19 लाख रुपये का नुकसान हुआ, जो लगभग 38 लाख यूनिट से अधिक बिजली की चोरी के बराबर है। इस कार्रवाई के तहत दोषियों पर जुर्माना भी लगाया गया, जिसमें से 3,878 उपभोक्ताओं से समझौते के बाद 1 करोड़ 23 लाख रुपये से अधिक की वसूली की गई।
महावितरण द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 2,345 उपभोक्ता ऐसे पाए गए जिन्होंने बिजली के तारों पर टैप करके सीधे बिजली चोरी की। वहीं, बाकी 1,851 उपभोक्ताओं ने मीटर में छेड़छाड़ जैसे तकनीकी उपाय अपनाए—जैसे मीटर बंद करना, धीमा करना, या उसमें छेद करके बाधा डालना। इन तरीकों से चोरी की गई बिजली की निगरानी के लिए महावितरण ने विशेष अभियान भी चलाया।
सबसे हैरानी की बात यह रही कि 302 ऐसे उपभोक्ता भी सामने आए जिन्होंने सीधे या घुमा-फिराकर बिजली का गलत इस्तेमाल किया, जिन पर 3 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली के दुरुपयोग का आरोप है। इनसे अब तक 83 लाख 44 हजार रुपये की रिकवरी हो चुकी है। महावितरण ने साफ कर दिया है कि बिजली चोरी को लेकर भविष्य में और भी कड़ा रुख अपनाया जाएगा।