नागपुर न्यूज डेस्क: मोदी कैबिनेट ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लिए एक अहम तोहफा देते हुए इटारसी-नागपुर के बीच चौथी रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ दोनों राज्यों के व्यापार और माल ढुलाई की रफ्तार बढ़ाएगा, बल्कि धार्मिक यात्रियों के लिए भी बड़ी राहत साबित होगा। चौथी लाइन बिछने से उज्जैन के महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम मल्लिकार्जुन और तमिलनाडु के रामेश्वरम — इन चारों ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना और भी आसान हो जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीएम मोदी से मुलाकात कर इस फैसले के लिए आभार जताया।
इटारसी-नागपुर रेल मार्ग काफी व्यस्त माना जाता है और यहां ट्रेन क्लीयरेंस में अक्सर देरी हो जाती है। नई लाइन बिछने के बाद नर्मदापुरम, बैतूल और पांढुर्णा जैसे बड़े स्टेशनों पर भी दबाव कम होगा। यह लाइन बनने के बाद न केवल यात्री गाड़ियों को समय पर क्लियरेंस मिलेगा, बल्कि मालगाड़ियों की रफ्तार भी बढ़ेगी। इससे व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी और रेलवे संचालन में दक्षता आएगी।
परियोजना पूरी होने पर हर साल करीब 5.3 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी। इसके साथ ही 10 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता विकसित होगी और लगभग 206 करोड़ रुपये की लॉजिस्टिक्स लागत बचाई जा सकेगी। यह बचत न सिर्फ रेलवे के लिए बल्कि व्यापारिक कंपनियों के लिए भी एक आर्थिक राहत होगी।
कुल मिलाकर, चौथी रेलवे लाइन का फायदा कई स्तरों पर होगा — यात्रियों के लिए सुगम यात्रा, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा, माल ढुलाई में तेजी और व्यापारिक विकास में नई गति। लंबे समय से जिस प्रोजेक्ट का इंतजार था, वह अब हकीकत बनने जा रहा है और दोनों राज्यों को इसकी सौगात जल्द ही मिलने वाली है।