नागपुर न्यूज डेस्क: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं और इस बार उन्होंने मुस्लिम समाज को लेकर बड़ा बयान दिया है। नागपुर में एक संस्था के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि हमारे समाज में अगर सबसे ज्यादा शिक्षा की जरूरत कहीं है तो वह मुस्लिम समाज में है। उन्होंने बताया कि जब वह महाराष्ट्र में विधायक थे तो उन्हें एक इंजीनियरिंग कॉलेज मिला, जिसे उन्होंने नागपुर के अंजुमन इस्लाम को दे दिया। जब उनसे इस फैसले के पीछे का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में शिक्षा की बेहद आवश्यकता है, और इससे वहां के युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
गडकरी ने कहा कि मुस्लिम समाज में कुछ ही पेशे लोकप्रिय हैं जैसे चाय की टपरी, पान ठेला, कबाड़ी की दुकान, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज के युवाओं को इन सीमित व्यवसायों से बाहर निकलकर डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस जैसे प्रोफेशनल क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मस्जिद में एक बार नहीं सौ बार नमाज पढ़ें, लेकिन अगर विज्ञान और तकनीक को नहीं अपनाएंगे तो भविष्य कैसा होगा? शिक्षा और आधुनिक ज्ञान के बिना समाज का विकास संभव नहीं है।
अपने भाषण में गडकरी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर कलाम एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट बने और उनके योगदान की गूंज सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सुनाई दी। गडकरी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जाति, धर्म, पंथ या भाषा से बड़ा नहीं होता, बल्कि अपने गुणों से बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि राजनीति में बहुत बातें चलती हैं, लेकिन वह अपने सिद्धांतों पर चलते हैं। जिसको वोट देना होगा देगा, जिसको नहीं देना होगा नहीं देगा, लेकिन वह अपने फैसलों पर कायम रहेंगे।