नागपुर न्यूज डेस्क: सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने एक अहम निर्णय सुनाया, जिसमें कहा गया कि किसी लड़की या पीड़िता का केवल एक बार पीछा करना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354-डी और POCSO अधिनियम के तहत पीछा करने के अपराध के रूप में नहीं माना जाएगा। यह फैसला न्यायमूर्ति गोविंद सानप ने एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया।
इस फैसले में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिर्फ एक बार किसी का पीछा करना या संपर्क करना इन धाराओं के तहत अपराध नहीं माना जाएगा, जब तक इसमें निरंतरता और एक पैटर्न का पता न चले। कोर्ट ने कहा कि लगातार पीछा करना और किसी की निजता का उल्लंघन करना ही इन अपराधों की श्रेणी में आता है।
यह निर्णय उन मामलों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, जहां आरोपित पर किसी लड़की का पीछा करने का आरोप होता है, लेकिन वह घटनाएं एक बार की ही होती हैं। कोर्ट ने इस मामले में आरोपित को राहत देते हुए, उसे आईपीसी और POCSO अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी नहीं माना।