नागपुर न्यूज डेस्क: केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए नई योजनाओं की शुरुआत की है। इन योजनाओं के तहत प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से जुड़ी दो नई वित्तीय मॉडल पेश की गई हैं। इन मॉडलों के माध्यम से न केवल सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्राहकों को अपनी छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
पहला मॉडल है RESCO (नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनियां) मॉडल, जिसमें थर्ड पार्टी कंपनियां उपभोक्ताओं की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेंगी। इन कंपनियों को उपभोक्ताओं से उन संयंत्रों से उत्पादित बिजली के लिए भुगतान प्राप्त होगा। दूसरा मॉडल उपयोगिता-आधारित एकीकरण मॉडल है, जिसमें डिस्कॉम या राज्य-नामित संगठन आवासीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेंगे। उपभोक्ताओं को केवल उत्पादित बिजली की खपत के लिए भुगतान करना होगा।
RESCO मॉडल में किए गए निवेश को जोखिम से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपये की निधि का प्रावधान किया है। इसके अलावा, बिजली मंत्रालय ने कहा कि ये नए दिशानिर्देश राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए मौजूदा कार्यान्वयन पद्धतियों के अतिरिक्त होंगे।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का उद्देश्य मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों को सौर ऊर्जा प्रदान करना है। इस योजना को फरवरी 2024 में 75,021 करोड़ रुपये के बजट के साथ लॉन्च किया गया था। अब तक, सबसे अधिक मांग 3-5 किलोवाट लोड सेगमेंट में देखी गई है, जिसमें 77 प्रतिशत इंस्टॉलेशन किए गए हैं। वहीं, 14 प्रतिशत इंस्टॉलेशन 5 किलोवाट से अधिक के लोड के लिए किए गए हैं।
इस नई पहल के जरिए, सौर ऊर्जा का विस्तार करने और देशभर में इसे किफायती बनाना केंद्र सरकार का उद्देश्य है। इस कदम से न केवल ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराई जाएगी, जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।