नागपुर न्यूज डेस्क: मानकापुर फ्लाईओवर पर हुए स्कूल बस–वैन हादसे ने नागपुर शहर को गहरे सदमे में डाल दिया था। इसी मामले को लेकर गुरुवार को विधानसभा में जोरदार चर्चा हुई, जहां विधायक नितीन राऊत ने छात्रों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए। हादसे में भवंस बीपी विद्या मंदिर, कोराडी की 14 वर्षीय छात्रा सानवी खोबरागड़े और वैन चालक की मौत हो गई थी। बहस के बाद परिवहन मंत्री प्रतापराव सरनाईक ने संबंधित आरटीओ को निलंबित करने की घोषणा कर दी।
चर्चा में पता चला कि जिस स्कूल वैन ने बच्चों की जान ली, वह 2021 से फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना चल रही थी और उसमें स्पीड कंट्रोलर भी नहीं लगा था। तेज स्पीड में नियंत्रण बिगड़ने से वैन पुल पर काम चल रहे हिस्से के पास स्कूल बस से जा टकराई। वैन में 4 से 14 वर्ष तक के 9 बच्चे बैठे थे। विधायकों ने कहा कि नागपुर शहर, ग्रामीण और पूर्व क्षेत्र में तीन आरटीओ होने के बावजूद बच्चों की सुरक्षा कागज़ों पर ही नजर आती है, जबकि विकृतियां जमीन पर दिखाई देती हैं।
आरटीओ के आंकड़ों में भी दिक्कतें सामने आईं। शहर में कुल 3993 स्कूल बस–वैन पंजीकृत हैं, पर 8–10% वाहनों के पास अभी भी फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है। सदस्यों ने कहा कि वाहन के साथ-साथ चालक के फिटनेस दस्तावेज भी अनिवार्य होने चाहिए, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा इन दोनों पर निर्भर करती है। मंत्री सरनाईक ने माना कि विभाग से चूक हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि अवैध रूप से छात्र परिवहन करने वाले 248 वाहनों पर कार्रवाई कर लगभग 83 लाख रुपये वसूल किए गए हैं।
सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। अब फिटनेस सर्टिफिकेट रहित वाहनों को सड़क पर आने से रोका जाएगा और जरूरत पड़ने पर तकनीकी उपायों—जैसे जामर—का भी उपयोग किया जाएगा। सदस्यों ने मांग की कि अनफिट बस–वैन चलाने वाले स्कूलों पर भी कार्रवाई हो और चालक–वाहन दोनों के फिटनेस सर्टिफिकेट समय पर लेना स्कूलों की जिम्मेदारी बनाई जाए, जिसकी रिपोर्ट हर महीने आरटीओ को भेजी जाए, ताकि बच्चों की यात्रा सुरक्षित रह सके।