नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर स्मार्ट सिटी प्रकरण में भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तुकाराम मुंढे को बड़ी राहत मिली है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और पुलिस विभाग ने अलग-अलग जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी है। दोनों जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में किसी भी तरह के आर्थिक अनियमितता या भ्रष्टाचार के प्रमाण नहीं मिले हैं। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा में यह जानकारी दी।
यह मामला उस समय सामने आया था, जब भाजपा विधायक कृष्णा खोपडे और प्रवीण दटके ने आरोप लगाया था कि नागपुर नगर निगम आयुक्त रहते हुए तुकाराम मुंढे ने स्मार्ट सिटी परियोजना में बिना अधिकार के करीब 20 करोड़ रुपये के बिल पास किए। आरोपों के बाद ईओडब्ल्यू और पुलिस द्वारा विस्तृत जांच की गई, लेकिन जांच में यह सामने आया कि मुंढे ने किसी भी स्तर पर अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं किया।
उद्योग मंत्री उदय सामंत ने सदन में बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के सीईओ के रूप में तुकाराम मुंढे की नियुक्ति तत्कालीन आयुक्त द्वारा की गई थी और संबंधित कार्यों को तत्कालीन मुख्यमंत्री की कार्योत्तर मंजूरी भी प्राप्त थी। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि 20 करोड़ रुपये के भुगतान में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था और कोई वित्तीय गड़बड़ी नहीं पाई गई।
हालांकि स्मार्ट सिटी परियोजना से जुड़ी दो महिला अधिकारियों की शिकायतों पर महिला आयोग की जांच अभी जारी है। मंत्री ने बताया कि इस जांच की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। वहीं, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भाजपा विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि यदि जांच में कुछ भी गलत नहीं मिला है, तो मामले को ईडी या सीबीआई को सौंपकर पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया जाए।