नागपुर न्यूज डेस्क: तहसील क्षेत्र में बीते आठ-दस दिनों से बारिश थमने के बाद किसानों की चिंता बढ़ गई है। भीषण गर्मी ने फसलों पर ऐसा असर डाला है कि वे पकने से पहले ही मुरझाने लगी हैं। हालात ऐसे हैं कि किसान अब आसमान की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं।
जुलाई की शुरुआत में अच्छी बारिश ने किसानों को उम्मीदों के सपने दिखाए थे। सोयाबीन, कपास और अरहर की बोवाई पूरी कर किसानों ने अच्छी पैदावार की आस लगा ली थी। लेकिन 11 जुलाई के बाद से बारिश पूरी तरह से थम गई, जिससे खेतों में सूखे की स्थिति बन गई है।
किसान बताते हैं कि शुरूआती दिनों में उन्होंने अंतर-खेती का काम तो कर लिया, मगर अब तो फसलें पानी के लिए तरस रही हैं। गर्म हवाओं और तपती धूप ने खेतों को झुलसाना शुरू कर दिया है। कई किसान सोशल मीडिया पर मौसम विभाग के पूर्वानुमान साझा कर रहे हैं और हर दिन बारिश की आस में निराशा झेल रहे हैं।
प्रकृति की इस बेरुखी ने किसानों के चेहरों पर मायूसी ला दी है। खेतों में बेमौसम सन्नाटा पसरा है और किसान पुराने दिनों के गीत — 'ये रे ये रे पासा' — को याद कर बस आसमान की तरफ देख रहे हैं कि कब बारिश होगी और उनकी फसलों में फिर से जान आएगी।