नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में प्रोफेशन टैक्स को समाप्त करने की मांग एक बार फिर ज़ोर पकड़ रही है। नाग विदर्भ चैंबर ऑफ कॉमर्स (एनवीसीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्य जीएसटी विभाग, नागपुर के अतिरिक्त आयुक्त तेजराव पाचरणे से मुलाकात की और इस विषय पर एक ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एनवीसीसी अध्यक्ष अर्जुनदास आहुजा ने किया, जिसमें उपाध्यक्ष फारूकभाई अकबानी, स्वप्निल अहिरकर, सचिव सचिन पुनियानी, सीए हेमंत सारडा, सीए रितेश मेहता और अन्य सदस्य शामिल रहे।
चैंबर ने स्पष्ट किया कि जीएसटी के बाद देश में अधिकांश अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो चुके हैं, लेकिन प्रोफेशन टैक्स अब भी व्यापारिक प्रक्रिया में जटिलता पैदा कर रहा है। उपाध्यक्ष अकबानी ने इसे “व्यवस्था में दोहराव” करार दिया, वहीं स्वप्निल अहिरकर ने कहा कि इसकी प्रक्रिया प्रत्यक्ष कर होते हुए भी जीएसटी जैसी कठिन है, जिससे छोटे व्यापारियों को अनुपालना के बोझ का सामना करना पड़ता है।
सचिव सचिन पुनियानी ने तर्क दिया कि दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में प्रोफेशन टैक्स समाप्त किया जा चुका है, और महाराष्ट्र सरकार को भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत ऐसे कदम उठाने चाहिए। सीए रितेश मेहता ने बताया कि मामूली कर के लिए भी पंजीकरण की बाध्यता लघु उद्योगों पर अतिरिक्त दबाव डालती है।
प्रो सीए हेमंत सारडा ने सुझाव दिया कि यदि टैक्स को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता, तो छूट की सीमा बढ़ाई जाए और प्रक्रिया सरल बनाई जाए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल करदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि सरकारी संसाधनों का भी अधिक प्रभावी उपयोग संभव होगा। यह पूरा विषय अब व्यापारिक समुदाय की प्राथमिकताओं में शामिल होता जा रहा है।