Aaj ka Panchang 5 November 2025: सनातन धर्मावलंबियों के लिए देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा का व्रत गुरु नानक जयंती जितना ही महत्वपूर्ण है। गुरु नानक जयंती के दिन गुरु नानक की पूजा की जाती है और उनकी शिक्षाओं को याद किया जाता है। देव दिवाली के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है, जबकि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। देवी लक्ष्मी की पूजा करने से भी लाभ मिलता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, ये तीनों पर्व 5 नवंबर 2025 को पड़ रहे हैं।
पंचांग- 05.11.2025
युगाब्द - 5126
संवत्सर - सिद्धार्थ
विक्रम संवत् -2082
शाक:- 1947
ऋतु __ हेमन्त
सूर्य __ दक्षिणायन
मास __ कार्तिक
पक्ष __ शुक्ल पक्ष
वार __ बुधवार
तिथि- पूर्णिमा 18:48:18
नक्षत्र अश्विनी 09:39:25
नक्षत्र भरणी 30:33:15
योग सिद्वि 11:27:22
करण विष्टि भद्र 08:43:33
करण बव 18:48:18
करण बालव 28:51:24
चन्द्र राशि - मेष
सूर्य राशि - तुला
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩 👉🏻 कार्तिक / सत्य पूर्णिमा देव दीपावली
🍁 अग्रिम पर्वोत्सव 🍁
👉🏻 चतुर्थी व्रत
08/11/25 (शनिवार)
👉🏻 कालाष्टमी
12/11/25 (बुधवार)
👉🏻 उत्पन्ना/ वैतरणी एकादशी
15/11/25 (शनिवार)
👉🏻 प्रदोष व्रत
17/11/25 (सोमवार)
👉🏻 पितृ अमावस
19/11/25 (बुधवार)
👉🏻 देवकार्य अमावस
20/11/25 (गुरुवार)
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉
कर्मों की खेती में जाने-अनजाने जो बीज आपके द्वारा पड़ जाते हैं देर-सबेर उनका अंकुरण निश्चित होना है। प्रकृति के अपने सिद्धांत हैं वो अपने नियमों पर सदैव अटल रहती है। यदि आप पौधों को पानी देते हैं तो वह स्वत: हरा भरा रहेगा और यदि आपने उसकी उपेक्षा की तो उसे मुरझाने में भी वक्त नहीं लगने वाला है। निश्चित ही स्वर्ग और नरक दोनों यहीं हैं। जिन लोगों ने अच्छे कर्म किए उनके लिए ये दुनिया स्वर्ग बन गई तो जिन लोगों ने बुरे कर्म किए उनको यहीं नरक का आभास होने लगा। इस दुनिया में केवल चाहने मात्र से कुछ भी प्राप्त नहीं हो जाता है। यहाँ जो भी और जितना भी आपको प्राप्त होता है, वह निश्चित ही आपके परिश्रम और आपके सद्कर्मों का पुरस्कार होता है। कर्म के जो बीज इस प्रकृति में बोए जाएंगे समय आने पर उसकी फसल भी अवश्य काटनी ही पड़ेगी। फूलों की खेती करने वाले को ये प्रकृति खुशबू एवं सौंदर्य स्वतः प्रदान कर देती है।
जय जय श्री सीताराम 👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा) व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर (जयपुर)