नागपुर न्यूज डेस्क: राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। डॉ. कल्पना पांडे, विश्वविद्यालय शिक्षा मंच की अध्यक्ष, ने आरोप लगाया है कि पूर्व कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी को झूठे आरोपों के आधार पर निलंबित किया गया। उनके अनुसार, यह निलंबन विश्वविद्यालय के कुछ लोगों द्वारा लगाया गया था।
डॉ. पांडे, जो खुद बीजेपी नेता हैं, ने बीजेपी विधायक प्रवीण डाटके और विश्वविद्यालय के प्रबंधन परिषद के अन्य सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने MKCL नामक कंपनी, जो परीक्षा के काम के लिए हायर की गई थी, के साथ विश्वविद्यालय की संलिप्तता के खिलाफ झूठे आरोप लगाए और विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान पहुँचाया। अपने ही पार्टी के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने से विश्वविद्यालय में चल रहे विवाद ने और गहरा हो गया है।
डॉ. पांडे ने कहा कि निलंबित कुलपति, डॉ. सुभाष चौधरी निर्दोष हैं और कुछ लोगों ने जानबूझकर उन्हें झूठे आरोपों से बदनाम किया है। उन्होंने राज्य सरकार से उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अपील की जो इन झूठे आरोपों के जिम्मेदार हैं।
डॉ. पांडे ने बताया कि MKCL को दिया गया काम पूरी तरह से नियमों के तहत था और इसे डॉ. चौधरी ने नहीं, बल्कि प्रबंधन परिषद ने सौंपा था। उन्होंने याद दिलाया कि इस निर्णय प्रक्रिया में भाजपा के सदस्य भी शामिल थे।
भाजपा विधायक प्रवीण डाटके और विश्वविद्यालय के प्रबंधन परिषद के सदस्यों द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों ने न केवल विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि हजारों छात्रों पर भी प्रभाव डाला है। डॉ. कलपना पांडे ने मांग की है कि डॉ. सुभाष चौधरी पर झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।