नागपुर न्यूज डेस्क: समृद्धि महामार्ग, जिसे मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के नाम से जाना जाता है, नवंबर 2024 तक पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है। यह 701 किमी लंबा एक्सप्रेसवे भारत के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक है, जो मुंबई और नागपुर के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) को नागपुर के मल्टीमॉडल इंटरनेशनल हब एयरपोर्ट (MIHAN) से जोड़ा जाएगा। इसके चालू होने पर शिरडी और शनि सिंगणापुर के भक्तों के लिए यात्रा का समय भी कम होगा। इसकी घोषणा 2015 में हुई थी, भूमि अधिग्रहण 2017 में प्रारंभ हुआ, और दिसंबर 2018 में इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
6 लेन वाला यह एक्सप्रेसवे जब पूरी तरह से चालू होगा, तो मुंबई से नागपुर जाने में लगने वाला समय 16 घंटे से घटकर महज 8 घंटे रह जाएगा। 701 किलोमीटर लंबे मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिसंबर 2022 को किया। नागपुर से शिरडी का खंड लगभग 520 किलोमीटर लंबा है, जबकि शिरडी से इगतपुरी तक का 80 किलोमीटर लंबा खंड मई 2023 में खोला गया। वर्तमान में शेष 101 किलोमीटर के हिस्से पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे, जो 6 लेन का एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे है, को 55 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यह महाराष्ट्र का दूसरा एक्सप्रेसवे है, जो मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के बाद आता है। यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है और यह 10 जिलों- नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम, बुलढाणा, जालना, औरंगाबाद, नासिक, अहमदनगर, और ठाणे से होकर गुजरेगा। इस मार्ग पर तीन वन्यजीव अभ्यारण्य भी हैं।
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के चालू होने से मुंबई से त्रयंबकेश्वर, शिरडी और शनि शिंगणापुर जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा में भी कम समय लगेगा। शिरडी और शनि शिंगणापुर अहमदनगर जिले में हैं, जबकि त्रयंबकेश्वर नासिक में है। इस एक्सप्रेसवे पर 33 बड़े पुल, 274 छोटे पुल, छह सुरंग और 65 फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इसके अलावा, नासिक से ठाणे के पहाड़ों में 8 किमी लंबी, 17.6 मीटर चौड़ी और 9.12 मीटर ऊंची सुरंग का निर्माण किया गया है।