नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर शहर में बढ़ते नशे के जाल को तोड़ने के लिए पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्रकुमार सिंगल के ‘ऑपरेशन थंडर’ ने बड़े कदम उठाए हैं। इस अभियान में कई ड्रग सिंडिकेट ध्वस्त किए गए, लेकिन एक चिंताजनक तथ्य सामने आया कि एमडी तस्करी में अब महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी बढ़ गई है। महिलाएं न केवल नशा बेचने में शामिल हैं, बल्कि कॉलेज के छात्रों को इसका शिकार बनाने में भी सक्रिय हैं।
इन महिला पैडलरों का तरीका साफ है – सबसे पहले युवतियों को नशे की लत लगाई जाती है और फिर उन्हें नशा बेचने के लिए मजबूर किया जाता है। कई युवतियों ने इसके चलते अपना आत्मसम्मान तक दांव पर लगा दिया। यह स्थिति न केवल महिलाओं के शोषण का संकेत देती है, बल्कि यह भी चेतावनी है कि नशा किसी को भी अपनी गिरफ्त में लेकर समाज और इंसानियत के लिए खतरनाक बन सकता है।
ऑपरेशन थंडर के तहत हाल की कार्रवाईयों से नए पैडलरों और सप्लायरों में खलबली मची हुई है। अब तक कई महिला सरगनाएं भी गिरफ्तार हुई हैं। शहर में एमडी के साथ चरस का व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है। कपिल नगर, पांचपावली, नंदनवन, कोतवाली और अन्य इलाकों में अभी भी पैडलरों का जाल फैला हुआ है। इसके अलावा ताजबाग, मोमिनपुरा, हसनबाग, शांतिनगर और गिट्टीखदान जैसे इलाके नशे के ठिकानों के रूप में चर्चित हैं।
पुलिस आयुक्त ने आम नागरिकों और परिवारों से अपील की है कि वे सतर्क रहें। नशे के खिलाफ लड़ाई तभी सफल होगी जब समाज और परिवार मिलकर युवाओं को इसके खतरे से बचाएं। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी यह दिखाती है कि नशा किसी को भी हथियार बना सकता है, इसलिए अब पहले से ज्यादा जागरूकता और सतर्कता की जरूरत है।